शनिवार रात सड़क हादसे में मरने वाले युवक के परिवार ने स्मृति ईरानी गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। स्मृति ईरानी पर आरोप है कि सड़क हादसे के बाद उन्होंने घायलों की कोई मदद नहीं की बल्कि तुरंत ही वहां से चली गईं।
यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत और दो लोग घायल हुए थे। मरने वाले शख्स की पहचान आगरा के रहने वाले डॉक्टर रमेश कुमार नागर के रूप में हुयी है। हादसे में उनका बेटा और बेटी भी घायल हुए हैं। शनिवार रात को स्मृति ईरानी वृन्दावन से भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन से लौट रही थीं। उनके साथ बीजेपी के सीनियर लीडर भी थे। तभी काफिले की होंडा सिटी (DL 3C BA 5315) कार ने रमेश कुमार नागर की बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। इसके पीछे चल रहीं सारी गाड़ियां एक दूसरे से टकरा गईं। हादसे के कुछ घंटे बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर अपने सकुशल होने और घायलों की मदद करने की बात कही।
हादसे में जान गंवाने वाले रमेश कुमार नागर की बेटी संदिली नागर ने आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्घटना के बाद उसने स्मृति ईरानी से हाथ जोड़कर मदद मांगी लेकिन उन्होंने मदद करने से साफ मना कर दिया। वे कार से बाहर निकली जरुर पर सबकुछ देखकर भी फिर कार में बैठीं और सीसा चढ़ाकर वहां से निकल गईं। दो घंटे बाद दिल्ली के एक परिवार ने अम्बुलेंस को बुलाया। मृतक रमेश के बेटे अभिषेक ने कहा की उन्होंने एक भी बार हमारी मदद करने की कोशिश नहीं की। अभिषेक ने मांट थाना में एफआईआर दर्ज की है।
हादसे के बाद मानव विकास संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी का घायलों के प्रति रवैया बहुत ही गैर जिम्मेदाराना रहा। इस दुखद घटना के बाद स्मृति इरानी को चाहिये था कि वे घायलों की हर संभव मदद करने का प्रयास करतीं और घायलों को अस्पताल पहुंचाने व उनके बेहतर उपचार के लिए प्रतिबद्ध रहतीं।