उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की मौजूदा सरकार में अंदरूनी उठापटक अब अपने चरम पर पहुँच गयी है। पार्टी अंदरूनी कलह के साथ वर्चस्व की जंग से भी जूझ रही है। कुछ मुद्दों पर समाजवादी पार्टी दो गुटों, शिवपाल सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश में बंट चुकी है।
मुलायम-शिवपाल की ‘मैराथन मीटिंग’ समाप्त-
- सपा प्रमुख के दिल्ली स्थित आवास पर शिवपाल सिंह यादव और सपा प्रमुख के बीच मैराथन बैठक चल रही थी।
- बैठक करीब 5 घंटे तक चली, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।
- सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख आगामी शुक्रवार को राजधानी लखनऊ आयेंगे।
- जिसके बाद सपा प्रमुख यहाँ संसदीय बोर्ड की मीटिंग करेंगे।
- इसके अतिरिक्त सपा प्रमुख संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद शुक्रवार को इस समस्या पर अपना फैसला सुनायेंगे।
- गौरतलब है कि, प्रो० रामगोपाल यादव भी लखनऊ के लिए रवाना हो चुके हैं।
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दिल्ली पहुंचे शिवपाल यादवः
- शिवपाल सिंह यादव सपा प्रमुख मुलायम सिंह से मिलने उनके दिल्ली आवास पर पहुंच गये हैं।
- शिवपाल दिल्ली एयरपोर्ट से मुलायम के आवास के लिए रवानी हो गए हैं।
- जल्द ही सपा प्रमुख के मिलकर उनसे मौजूदा हालातों पर चर्चा करेंगे।
- इस दौरान शिवपाल मीडिया के सवालों से बचते हुए दिखाई दियें।
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पारिवारिक नहीं राजनैतिक लड़ाई है- अखिलेशः
- अखिलेश यादव ने इस पूरे प्रकरण पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि नेताजी की बात सभी लोग मानते हैं।
- उन्होंने कहा कि कुछ निर्णय मैने जरूर कियें, लेकिन ज्यादातर बातें नेताजी की मानी हैं।
- अमर सिंह का नाम लिये बिना अखिलेश ने कहा कि बाहर के लोग तय नहीं करेंगे कि मंत्री कैसे हटेंगे।
- मुख्य सचिव कैसे नियुक्त होगें ये बाहर के लोग कैसे तय कर सकते हैं।
- उन्होंने कहा, घर के बाहर के लोग हस्तक्षेप करेंगे तो पार्टी कैसै चलेगी।
- परिवार में झगड़े की खबर पर अखिलेश बोले, ‘यह सरकार का झगड़ा है, परिवार का नहीं।’
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पूरे घटनाक्रम पर ‘एक नजर’:
- सपा में अंदरूनी कलह कोई रातों-रात की बात नहीं है।
- घटनाक्रम की शुरुआत कौमी एकता दल के सपा में विलय से शुरू हुई थी।
- आइये! उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे बड़े घटनाक्रम पर एक नजर डालते हैं।
अमर सिंह की वापसी:
- अमर सिंह के पार्टी में वापस आने के बाद मुलायम परिवार सहित समाजवादी पार्टी में भी इस कदम का विरोध हुआ था।
- लेकिन इस मामले में सपा सुप्रीमो के सामने आने की हिम्मत केवल आजम खान ही जुटा सके थे, जो कि उनके परिवार के सदस्य नही हैं।
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बलराम यादव की बर्खास्तगी:
बलराम यादव को बर्खास्त किये जाने के बाद अखिलेश और मुलायम आमने-सामने आये और अंत में पिता की बात मानने के लिए अखिलेश को अपना आदेश वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बलराम मुलायम के बहुत करीबी और पुराने वफादार हैं।
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मुख़्तार की पार्टी से विलय पर घमासान :
- सपा और कौमी एकता दल के विलय को लेकर शिवपाल और अखिलेश की तकरार सामने आयी।
- बाहुबली मुख़्तार अंसारी की पार्टी के विलय की खबरों ने अखिलेश को बेचैन कर दिया।
- जबकि इस विलय को लेकर पहल शिवपाल ने ही शुरू की थी।
- अखिलेश ने इसी विलय की पहल में भूमिका निभाने के लिए बलराम को बाहर किया था।
- अब अखिलेश के जिद की बारी थी। उन्होंने एकतरफा फैसला सुनाया कि ये विलय नही होगा।
- पार्टी की बैठक में अखिलेश ने दो टूक कह दिया कि, मुख़्तार के साथ आने से सरकार की छवि खराब होगी।
- उस वक्त अखिलेश की बातों से असहमत होने की हिम्मत किसी ने नहीं जुटाई।
नाराज हुए शिवपालः
- लेकिन ये बात शिवपाल यादव के लिए भूलने वाली नही थी।
- सबसे ज्यादा किरकिरी उन्हीं की हुई थी।
- विलय की पहल करने वाले शिवपाल नाराज हो गए।
- बाजार में उनके इस्तीफे की खबरें भी आ गईं।
- राम गोपाल यादव के जन्मदिन पर शिवपाल का अन्य परिवार के सदस्यों से दूरी बनाए रखना भी इसी का असर था।
- फिर मुलायम के दखल के बाद ये मामला थमने लगा।
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खनन मंत्री की बर्खास्तगी:
- अवैध खनन मामले में खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राज किशोर सिंह नप गए।
- शिवपाल उसी वक्त मुलायम से मिलकर इस मुद्दे पर बात करने दिल्ली पहुँच गए।
- शाम होते-होते मुलायम ने भी इसकी पूर्व सूचना से इंकार कर दिया।
- उन्होंने कहा कि अखिलेश ने इसकी कोई जानकारी नही दी थी।
- उन्हें मीडिया के माध्यम से इन ख़बरों का पता चला।
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मुख्य सचिव का बर्खास्त होना:
- इस घटना के अगले दिन बकरीद के दिन अखिलेश ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को बर्खास्त कर अपनी शक्तियों से परिचित करा दिया।
- हालाँकि, इसके पीछे सिंघल का दिल्ली में अमर सिंह की दावत में भाग लेना बताया जा रहा था।
- जिसमें अखिलेश ने जाने से मना कर दिया था।
- जिसके बाद सिंघल भी मुलायम की शरण में पहुँच गए थे।
- शिवपाल यादव ने मंत्रियों की बर्खास्तगी को CM के कार्यक्षेत्र में होना बताया।
- लेकिन अब इसी कार्यक्षेत्र की जद में उनका मंत्रालय भी आया।
- 9 अहम मंत्रालयों के मालिक शिवपाल के पास अब जल संसाधन और परती भूमि विकास के अलावा समाज कल्याण का अतिरिक्त प्रभार शेष रह गया।
- जिसके बाद शिवपाल ने अब इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है।
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सीएम ने रद्द किये सभी कार्यक्रम:
उत्तर प्रदेश के सियासी घटनाक्रम के चलते सीएम अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि, सीएम अखिलेश यादव भी सपा प्रमुख द्वारा किये जाने वाले फैसले का इन्तजार कर रहे हैं।