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उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में ये पूरा सप्ताह शायद ही कोई भुला पाएगा, भारत का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार जो अपनी ‘अखंडता’ के लिए मशहूर था वहां ‘संग्राम’ मचा हुआ है। कभी जहाँ छोटे से छोटे फैसले भी नेताजी की रजामंदी से लिए जाते थे, आज बड़े-बड़े मंत्रियों की बर्खास्तगी की भनक तक उन्हें नहीं लगती है। अपने ही सगे चाचा को शक्तिविहीन करने के बाद भतीजे अखिलेश से शिवपाल यादव की नाराजगी बेवजह नही थी। सपा सुप्रीमो के दर पर उन्होंने अपने साथ ज्यादती की पूरी कहानी बयां की तो मुलायम का भाई के प्रति स्नेह भी जाग उठा।
बंद कमरे में 5 घंटे की मैराथन मीटिंग के बाद जब शिवपाल बाहर आये, उन्होंने मीडिया कोई भी बात नही की। मतलब साफ़ था कि उन्होंने अब सबकुछ अपने राजनीतिक आदर्श और बड़े भाई मुलायम सिंह यादव पर छोड़ दिया है।
शिवपाल और मुलायम के बीच बंद कमरे में क्या हुई बात, जानिए अगले पेज पर :
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बंद कमरे में शिवपाल यादव ने बांटे अपने दर्द:
- पार्टी के गठन के बाद से मैं आपके साथ रहा.
- कभी आपसे कोई अपेक्षा नही रखा.
- मैंने आपकी हर आज्ञा का पालन किया.
- आपके आदेशों पर चलने को मैंने अपना जीवन बना लिया.
- पर इधर के घटनाक्रमों से मैं आहत हुआ हूँ.
- मीडिया में तरह-तरह की चर्चाओं से मुझे अत्यंत कष्ट हुआ और दिल को चोट पहुंची.
- मेरा मंत्रालय मुझसे छीन लिया गया, मुझे शक्ति विहीन करने की बातें मीडिया में चलती रहीं.
- ये सारा कुछ अखिलेश ने स्वंय किया.
- इन तमाम बातों से मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंची है.
- ये अखिलेश ने बहुत गलत किया, मैं अपमानित महसूस कर रहा हूँ.
अनुज का दर्द सुनने के बाद भाव विह्वल हुए मुलायम:
- अखिलेश के अड़ियल रवैये पर नाराजगी जताते हुए मुलायम ने शिवपाल की बातों पर सहमति व्यक्त की.
- उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मैं बड़ा फैसला लूंगा.
- उन्होंने शिवपाल को किसी भी पद से इस्तीफा देने से मना किया.
- सपा सुप्रीमो ने कहा, मैं अगर खड़ा हो गया तो एक भी विधायक अखिलेश के साथ नही जायेगा.
- जिसको कोशिश करना है, करके देख ले! सभी विधायक मेरे नाम पर हैं.
- मुलायम ने शिवपाल को विश्वास दिलाया है कि उनका वही कद और ओहदा बरक़रार रहेगा.
- उन्होंने कहा कि शिवपाल ससम्मान प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कायम रहेंगे.
परिवार में सामान्य नही हैं हालात:
- इस मीटिंग के बाद अखिलेश और मुलायम के बीच कोई संवाद नही हुआ है.
- इस सन्दर्भ में कोई टेलिफोनिक बातचीत भी नही हुई है.
- राम गोपाल को सपा सुप्रीमो के सन्देश के साथ लखनऊ भेज दिया गया है.
- शिवपाल फ़िलहाल दिल्ली में हैं.
- देर रात उनके लखनऊ लौटने की उम्मीद है.
शुक्रवार फैसले की घड़ी है और सपा सुप्रीमो के अंदाज को देखते हुए बड़े फैसले की उम्मीद लगाई जा रही है। इस लिहाज से प्रदेश की राजनीति में शुक्रवार का दिन बहुत अहम होगा। शुक्रवार को मुलायम सिंह लखनऊ आएंगे। उनके मूड को देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि मुलायम शुक्रवार को अखिलेश सहित पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने कद से रूबरू कराएँगे।
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