रियो ओलंपिक्स ख़त्म हुए अभी ज्यादा वक़्त नहीं गुजरा है, ब्राज़ील में भारत के प्रदर्शन से पूरे देश में एक चर्चा जरूर छिड़ गयी है, 125 करोड़ के आबादी वाले इस देश में हम चैंपियंस को तराशने में असफल क्यों रहे हैं? सिंधु हों या साक्षी, महिलाओं ने रियो में देश का परचम लहराया जरूर है, पर शिकवा सिर्फ एक…मेडल्स की संख्या शायद और ज्यादा हो सकती थी।
इसका मुख्य कारण शायद अव्यवस्थित सुविधाएँ है जो खिलाडियों की जीत में अवरोध पैदा करती हैं। ऐसी ही एक खिलाड़ी और भी है जिसे अगर मौका मिले तो वह देश का नाम रौशन कर सकती है, विडंबना बस इतनी सी है कि राज्य स्तर पर 6 स्वर्ण व 1 रजत पदक जीतने वाली शूटर अंशिका के पास आज ‘किराए’ की राइफल तो है, पर गोलियां नहीं हैं। चौंक गए ना?
लखनऊ की उभरती खिलाड़ी :
- लखनऊ की मिटटी से जुड़ी इस खिलाड़ी का नाम अंशिका तिवारी है|
- अंशिका राष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग कि एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं|
- उन्होंने राज्य स्तर पर 6 स्वर्ण व् 1 रजत पदक प्राप्त किये हैं|
- साथ ही उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कुल 18 स्वर्ण व् रजत पदक प्राप्त किये हैं|
- उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भाग लिया है पर राइफल ना होने के कारण वह आगे नहीं बढ़ सकीं|
- आपको बता दें कि अंशिका बहुत ही माध्यम वर्ग परिवार से आती हैं|
- उनके पिता लखनऊ कि गन्ना मिल में कार्यरत हैं साथ ही उनकी माँ आंगनबाड़ी में सहायक हैं|
- कुछ समय पहले उनके छोटे भाई कि गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी|
- अंशिका बहुत ही प्रतिभावान खिलाडी हैं वह प्रसिद्ध शूटर गगन नारंग जैसी बनना चाहती हैं|
- समस्या यह है कि उनकी आर्थिक स्तिथि इतनी नहीं है कि वह इस खेल में आगे बढ़ सकें|
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मदद की लगाई गुहार :
- पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री से आर्थिक सहयोग माँगा है जिससे वे अपने खेल को आगे बढ़ा सकें।
- उनके पत्र के अनुसार उन्हें खेल में मूल सुविधायें प्राप्त नहीं हैं जिनके कारण वे खेल पाने में असमर्थ हैं।
- अंशिका बताती हैं कि वह किराए कि राइफल से अभ्यास करती हैं।
- इसके अलावा उनके पास ना तो भरपूर कारतूस है ना ही कोई कोच।
- ऐसी स्थिति में किसी भी खिलाड़ी का खेल पाना नामुमकिन सा लगता है।
- अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री इस पर क्या कार्यवाही करते हैं।
आंशिक की इस कोशिश से यह बात साफ़ हो जाती कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आये यदि आपके इरादे मज़बूत हैं तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती है। हमें आशा है कि मुख्यमंत्री अंशिका को उनका हक़ दिल पाने में एक एहम भूमिका निभापाएंगे। आंशिक हम आप सफल भविष्य की कामना करते हैं।