राष्ट्रीय धनगर महासभा के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के सैकड़ों की संख्या में लोगों ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस दौरान धनगर महासभा के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गांधी प्रतिमा पर भेज दिया।
यहां उन्होंने घंटों प्रदर्शन करने के बाद अपनी मांगों से सम्बोधित मांगपत्र जिला प्रशासन को सौंपा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा अगर हमारी मांगे शीघ्र नहीं मानी जाएंगी तो इसका खामियाजा भाजपा सरकार को अगामी लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। राष्ट्रीय धनगर महासभा के कार्यकर्ता पीली टोपी लगाकर गड़रिया वर्ग को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत न किए जाने के विरोध में विधानसभा घेराव करने भी जा रहे थे।
राष्ट्रीय धनगर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी धनगर ने बताया धनगर जाति अनुसूचित जाति में आती है। यह धनगर गड़रिया की उपजाति है और लिखित में 27वें नंबर पर अाती है। इसलिए धनगर जाति को एसटी का दर्जा दिया जाए। उन्होंने बताया कई बार सरकार ने इस जाति के क्रम को बदला। सीएम से मिलने के लिए कई बार समय मांगा गया लेकिन अधिकारियों ने मिलने नहीं दिया। सरकार ने धनगर जाति के प्रमाण पत्र बनाने का अदेश दिया। लेकिन तहसीलों में प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं इसके चलते धनगर जाति के लोगों में काफी अक्रोश व्याप्त है।
उन्होंने बताया इसके लिए प्रदेश के कई जिलों में कई बार अनिश्चितकालीन धरना दिया जा चुका है। लेकिन जिम्मेदार सिर्फ झूठा अश्वाशन देकर धरना समाप्त करवा देते हैं। धनगर जाति के सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार सुबह दारूलसफा में इकट्ठे हुए। यहां से निकलने के दौरान उनकी भाजपा कार्यालय के सामने पुलिस से झड़प हुई। प्रदर्शन के दौरान संगठन मंत्री अधिवक्ता चन्द्र पाल धनगर, मंडल अध्यक्ष प्रेम पाल सिंह धनगर, जिलाध्यक्ष डॉ. मोहन लाल धनगर, मंडल अध्यक्ष प्रेम पाल सिंह धनगर, इन्द्रेश पाल धनगर सहित सैकड़ों महिला/पुरुष कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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