पटना हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शहाबुद्दीन बाहर आये तो बिहार सहित देश के तमाम हिस्सों में बहस छिड़ गई. इस रिहाई के पीछे नितीश सरकार का हाथ बताकर विपक्षी दल लगातार उनकी आलोचना करते रहे. विपक्षी दलों ने लालू-नितीश के गठबंधन पर भी सवाल उठाये. इन लोगों का कहना था कि लालू यादव के दबाव में नीतीश कुमार पंगु हो गए हैं. बड़ी बहस तब छिड़ गई जब बिहार सरकार के कई मंत्री और सैकड़ों गाड़ियों का काफिला शहाबुद्दीन की रिहाई के वक्त जेल से लेकर सिवान तक गया.
लेकिन अब नीतीश कुमार की सरकार ने शहाबुद्दीन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है. बिहार सरकार ने हाई कोर्ट ने फैसले को चुनौती देते हुए ये कदम उठाया है. लेकिन ये कदम अब राजद प्रमुख के लिए परेशानी का सबब बन गया है. लालू यादव नीतीश सरकार के इस फैसले से नाखुश हैं.
लालू यादव ने अनमने ढंग से जवाब दिया और कहा कि जब सरकार ने याचिका दायर कर ही दिया तो हम क्या करें. लालू के इस अंदाज को लेकर राजनीति के गलियारों में चर्चा तेज हो गई है.ये माना जा रहा है कि लालू यादव बिहार सरकार के इस फैसले से खुश नही हैं. लालू अबतक इसे कोर्ट का फैसला बताकर बचते रहे थे लेकिन अब मामला उनके हाथ से निकल चूका है.
पटना हाईकोर्ट ने हत्या के केस में दी जमानत:
- नितीश कुमार जब 2005 में सत्ता में आये तब से शहाबुद्दीन जेल में था.
- पर अब ऐसा आगे होना मुश्किल लग रहा है.
- नितीश सरकार में लालू का दखल बढ़ने के बाद नजारा कुछ और ही दिखने लगा था.
- हाल ये हो गया कि बिहार के मंत्री जेल जाकर साथ में मिठाइयां खाने लगे.
- शहाबुद्दीन को दिल्ली में अभी हाल ही में कथित तौर पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
- लेकिन इसपर भी सवाल उठे क्योंकि शहाबुद्दीन की हालत ऐसी बिल्कुल नही थी.
- फिर पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के आरोपों में घिरने के बाद उसे सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया.
- सीवान में दो भाइयों की हत्या के गवाह रहे तीसरे भाई की तेजाब से जलाकर हत्या का आरोप है.
- इसके अलावा अनेकों लुट किडनैपिंग और हत्या के मामले शहाबुद्दीन के नाम पर हैं.