वैसे तो आम आदमी पार्टी आये दिन सुर्ख़ियों में बनी रहती है पर इस बार दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा किये गए सार्वजनिक पैसे का गलत इस्तेमाल उनके लिए चिंता का विषय बन गया है।
क्या है पूरा मामला :
- बीते दिनों मुख्यामंत्री केजरीवाल द्वारा सरकारी खजाने में से पैसे लेकर किये गए थे विज्ञापन।
- इन विज्ञापनों को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल व् उनकी पार्टी का छवि सुधारक बताया जा रहा है।
- इन विज्ञापनों में आप द्वारा केंद्र सरकार को कई तरह कि नसीहतें भी दी गयी थी।
- जिसके चलते इन विज्ञापनों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है।
- आपको बता दें कि कंटेंट समिति को कुछ समय पहले इन विज्ञापनों के संबंध में शिकायतें मिली थीं।
- जांच के बाद सामने आया की कोर्ट द्वारा दिए गए 9 बिन्दुओं में से 6 बिन्दुओं का उल्लंघन हुआ है।
- जिनमे पार्टी द्वारा विज्ञापनों को अपने क्षेत्र के बहार लगाने से लेकर गलत व् भ्रामक सूचनाएं देने का दोषी भी मना गाया है।
- साथ ही खुद को महिमा मंडित करने वाले और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने वाले विज्ञापन भी दिए गए थे।
- इसके अलावा दूसरे राज्यों की घटनाओं का जिक्र करते हुए खुद को क्लीन चिट सरकार की तरह दर्शाया गया था।
- इसके चलते अब आम आदमी पार्टी को सरकारी कोष में से ली गयी धनराशी को वापस जमा करना होगा।
- आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने इन विज्ञापनों के लिए कुल 18 करोड़ 45 लाख रुपए लिए गए थे।
- कंटेंट रेगुलेशन कमेटी का दिल्ली सरकार के खिलाफ यह एक सख्त आदेश है।
- यह आदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की शिकायत पर जांच के बाद कमेटी द्वारा लिया गया है।
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