मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। योगी ने महराष्ट्र के मकोका की तरह उत्तर प्रदेश में यूपीकोका लाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे कि प्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाने व प्रदेश में कानून व्यवस्था पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है। बता दें कि पिछली बार भी विधानसभा में यह बिल पेश किया गया था, लेकिन विधान परिषद में बीजेपी के पास बहुमत न होने के चलते पास नहीं हो सका था। अब योगी सरकार ने दोबारा से विधानसभा में पेश किया है। सदन में योगी आदित्यनाथ ने बोलतेे हुए कहा कि यूपीकोका एक बार विधानसभा के पास जाकर विधान परिषद से कैंसिल होकर वापस विधानसभा में आया है। इस संबंध में मुझे सिर्फ इतना कहना है कि यह जो संगठित अपराध का विषय है यह आज सिर्फ जिला और प्रदेश स्तर नहीं बल्कि देश स्तर का की जरूरत है।
क्या कहा-
- उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। कई राज्यों से हमारी सीमाएं मिलती हैं एक सीमा हमारी नेपाल से जुडती है इसलिए जरूरी है कि एक ऐसा कानून हो कि संगठित अपराधों को रोका जा सके।
- प्रदेश की जनता की सुरक्षा सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है इसलिए यूपीकोका जरूरी है।
- सदन के सामने हमने यूपीकोका को महाराष्ट्र और कर्नाटक के कानून के हिसाब से तुलनात्मक रूप में भी पेश कर चुके है।
- ऐसा कृत्य जिनकी वजह से ही प्रदेश की छवि खराब हो रही है या कोई ऐसा अपराध किसी की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होता हो तो हमने सबको इस दायरे में लाने का प्रयास किया है और इसमें बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है और कोई भी इसका गलत प्रयोग नहीं कर सकता है।
- पिछले 1 वर्ष के दौरान सभी पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। पहले लोगों में डर होता था कि न जाने कब क्या हो जाएगा।
- सभी चुनाव भी शांतिपूर्वक ढंग से पूरे हुए।
- डायल 100 की गाड़ी जो वसूली के लिए कुछ कुख्यात हो गई थी, उसमें भी जवाबदेही सुनिश्चित की गई।
- पुलिस आधुनिकरण पर भी हम काम कर रहे हैं।
- यूपीकोका बिल पुनः पारित करने के लिए दोबारा सदन में लाया गया।
- आज ऐसे कानून की आवश्यकता है जो संगठित अपराध में संलिप्त तत्वों पर कठोरता कर सके और आम जनमानस को बिना भेदभाव के सुरक्षा की गारंटी दे सकें।
- यूपी जैसे राज्य के लिए अपराध पर पूर्ण नियंत्रण करने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता है।
- हत्या डकैती पूरे प्रदेश के अंदर रोड होल्ड अप, आगजनी जैसी घटनाओं में कमी आई है।
- पुलिस ने अपनी भूमिका का सही निर्वहन किया।
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प्रदेश में 130 तहसीलों में फायर टेंडर नहीं।
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सरकार ने योजना बनाई है 52 तहसीलों में फायर टेडर के लिए बजट की व्यवस्था।
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जनता के प्रति सहानुभूति की बजाय जब हम घोषित अपराधियों के लिए सहानुभूति करते हैं तो स्थिति बिगड़ती है।
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यूपीकोका देश के किसी भी कानून से बेहतर कानून साबित होगा।
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यह कहना गलत कि इस यूपीकोका कानून का दुरुपयोग होगा। इसका दुरुपयोग ना हो इसकी व्यवस्था इसमें है।