पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह ने एक आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि एक सप्ताह बीतने को है लेकिन जनपद की भ्रष्ट पुलिस चार वर्ष के मासूम बच्चे नोमान की मृत्यु के कारणों का खुलासा कभी तक नहीं कर पाई है। मेरे बोलने की वजह से गलत खुलासे पर विराम लग गया है नहीं तो अब तक घटना का खुलासा हो चुका होता। चार वर्ष का बच्चा कैसे तालाब के बीच में पंहुच गया, अगर किसी ने बच्चे को मारा नहीं तो नाक व मुंह से खून कैसे निकला, शरीर पानी के अन्दर रहने के बाद भी फूला क्यों नहीं।
इसी तरह से रायबरेली की पुलिस ने रेल कोच में हुई घटना में भी निर्दोषों को फंसाया, फैक्ट्री में हुई घटना के सम्बन्ध में प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपनी तहरीर में बताया था कि वीरेन्द्र यादव एवं आरपी सिंह हम से मिलने आये थे और शम्मी के लोंगो ने आकर फायरिंग की। उस पर पुलिस ने हमलावरों की तरफ से ही मुकदमा लिख दिया। प्रोजेक्ट मैनेजर के बताने के बाद भी मामले में गलत जांच कर निर्दोषों को फंसाया। वीरेन्द्र यादव जाति के है इसलिए अपर पुलिस अधीक्षक उसे फंसाना चाहते है। पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि जिले का एसपी जनता का सेवक होता है बादशाह नहीं, प्रदेश में लोकप्रिय योगी सरकार को जनपद की भ्रष्ट पुलिस बदनाम कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी क्या चाहती है पता नहीं। रायबरेली पुलिस ने अगर माशूम नोमान की हत्या का खुलाशा जल्द नहीं किया तो हम जिले के नगर पालिका अध्यक्ष सहित सभी सभासदों के साथ सुपर मार्केट में करीब हजार लोंगो के साथ सांकेतिक धरने पर बैठेंगें। इसके बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धरना होगा। यही नहीं पूर्व विधायक ने कहा कि गाली देना हमारे संस्कार में नहीं है। अगर जनपद की पुलिस भ्रष्ट है तो जरूर कहूंगा, जनपद में अपराध बहुत बढ़ है और पुलिस निर्दोषो को फंसा रही है।