केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पेपर लीक होने के बाद 28 लाख से अधिक छात्रों की परेशानी बढ़ गयी है. बोर्ड ने इस मामले में 12वीं के इकोनॉमिक्स और 10वीं के मैथ्स की परीक्षा दोबारा कराने का फैसला किया है।
10वीं मैथ्स, 12वीं इकोनॉमिक्स की परीक्षा दोबारा होगी:
सीबीएसई के 12वीं के छात्रों को अब अर्थशास्त्र (इकोनॉमिक्स) जबकि 10वीं के छात्रों को गणित (मैथ) का पेपर देना होगा. तारीखों की घोषणा सीबीएसई वेबसाइट पर एक सप्ताह के भीतर की जाएगी.
बोर्ड ने दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 25 लोगों से पूछताछ की है.
पेपर लीक के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए सरकार को ‘पेपर लीक सरकार’ करार दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विट कर कहा, ”पहले, SSC पेपर लीक ने 2 करोड़ नौजवानों के भविष्य पर लगाया प्रश्न चिन्ह और अब CBSE दसवीं व बारहवीं का पेपर हुआ लीक! लाखों युवाओं का भविष्य अधर में. शिक्षा माफ़ियाँ के व्यारे-नारे! युवा फिर रहें मारे-मारे! मोदी जी जवाब दें?”
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने पेपर लीक मामले में एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर से बात कर नाराजगी जताई थी। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मामले में सीबीएसई और एचआरडी मिनिस्ट्री स्तर की इंटरनल जांच के आदेश दिए गये हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी इसके अलावा भविष्य में परीक्षा लीकफ्रूफ होगी।
जांच के लिए टीम गठित:
पेपर लीक मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी अपराध शाखा का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है. विशेष पुलिस आयुक्त आर.पी. उपाध्याय ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व संयुक्त आयुक्त (एसपी) आलोक कुमार करेंगे. जांच करने वाली एसआईटी डीसीपी एसीपी रैंक के पुलिसकर्मी शामिल हैं.
सीबीएसई द्वारा अपराध शाखा में दो मामले दर्ज करने के बाद एसआईटी का गठन हुआ है. पहला मामला मंगलवार शाम दर्ज हुआ था, जिसमें सीबीएसई की 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय के प्रश्न-पत्र लीक होने का मामला था और दूसरी रिपोर्ट बुधवार को दर्ज हुई जिसमें 10वीं के गणित विषय के प्रश्न-पत्र लीक का मामला था. 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा 26 मार्च को, जबकि 10वीं की गणित की परीक्षा 28 मार्च को हुई थी.
आरोप है कि दोनों एग्जाम का पेपर एक दिन पहले शाम के समय ही कुछ लोगों के व्हाट्सएप पर आया, जिसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर भी शेयर होने लगा. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक इस मामले में 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीएसई के कर्मचारी, जहाँ पेपर की प्रिंटिंग होती है, स्टूडेंट, कोचिंग सेंटर चलाने वाले और कुछ गैंग जो पहले इस तरह की गतिविधियों में लिप्त रहे हैं वो सभी पुलिस की जांच के दायरे में है. हालांकि पुलिस सूत्रों का ये भी कहना है कि अभी मामले की जांच शुरुआती दौर में है. जिसके चलते कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
पेपर लीक न हो इसके लिये बनेंगी नई व्यवस्था:
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सोमवार से एक नई व्यवस्था लागू हो जायेगी. अब इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर परीक्षा केंद्रों पर आधे घंटे पहले भेजा जाएगा. ये इलेक्ट्रॉनिक पेपर पासवर्ड प्रूफ होगा यानी बिना पासवर्ड डाले परीक्षा केंद्र वाले पेपर नहीं खोल सकते. सीबीएसई सेंटर पर ही प्रिंट आउट निकालकर छात्रों को पेपर बांटा जाएगा.