उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने अभी हाल ही में निजीकरण के विरोध में एक दिवसीय कार्यबहिष्कार कर प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया था। सूत्रों की माने तो इस प्रदर्शन की मुख्य वजह कमीशनखोरी बंद होना था। अभी तक जो रोजाना लाखों रुपये की कमीशनबाजी विभाग में हो रही है वह निजीकरण से बंद हो जाएगी। इसकी एक एक बानगी लखनऊ के दुबग्गा सब स्टेशन पर देखने को मिली। यहां तैनात जेई और एसडीओ ने मिलकर रातो रात उच्चाधिकारियों की अनुमति और टेंडर के बिना ही कई पोल एबीसी तार और एल्युमिनियम कबाड़ में बेच दिया। बिजली विभाग के इस कारनामे का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया। जिम्मेदार अब मीडिया के सवालों से बचकर गोलमोल जबाब दे रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, मामला काकोरी थाना क्षेत्र के दुबग्गा स्थित सब स्टेशन का है। आरोप है कि यहां तैनात जेई मनोज मौर्या व एसडीओ उपदेश कुमार अगिनिहोत्री ने लगभग 4 दिन पहले बिना उच्यधिकारियो के अनुमति और बिना टेन्डर के लाखों रुपये की कीमत के कई पोल व ABC एल्मुनियम तार व कबाड़ का काफी सामान चोरी छिपे बेच डाला।
बता दें कि कुछ दिन पहले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दुबग्गा पॉवर हाउस पर ग्रामीणों द्वारा काफी शिकायतें मिलने की जानकारी पर औचक निरीक्षण किया था। काफी खामियां मिलने पर जेई व एसडीओ को उन्होंने कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद भी जेई और एसडीओ नहीं सुधरे। बताया जा रहा है कि बेबी मार्टन स्कूल के पास 11 हजार की लाईन के 4 पोल व रिंग रोड पुलिस चौकी के सामने जेडी होटल के पीछे बिना एस्टिमेट के लगभग 5 पोल 11 हजार की लाईन हटाकर 10 पोल की नई लाईन में बिना एस्टिमेट के तार खींच दिया।
यही नहीं जेहटा रोड पर आस्थाई कनेक्शन 10 पोल का कनेक्शन कर दिया। लालाबाग़ में सोसाइटी की जमीन पर 20 पोल की नई लाईन दौड़ा दी। वहीं पर कुछ उपभोक्ता नया कनेक्शन लेने के सब स्टेशन का चक्कर काट रहे हैं। इन लोगों का एस्टिमेट भी नहीं बनाया गया। आरोप है कि जेई ने एसडीओ के साथ मिलकर अभी चार दिन पहले बिना टेंडर के पॉवर हाउस का काफी सामान कबाड़ में भी बेच दिया। हालांकि असल मामला क्या है ये विभागीय जांच का विषय है।