आगामी कर्नाटक चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी रुपरेखा तैयार कर ली है. भाजपा कांग्रेस समर्थक मुख्यमंत्री सिद्धार्थमैया सरकार को कर्नाटक की सत्ता से हटाने और बीजेपी का परचम लहराने के लिए चुनाव प्रचार में पार्टी के केन्द्रीय मंत्रियों सहित देश भर के 56 सांसदों और नेताओ को मैदान में उतारेगी.
मोदी कार्ड भी खेलेगी बीजेपी:
बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपनी रणनीति में 19 सूत्री कार्यक्रम तैयार किया है. इसके अलावा देशभर के पांच दर्जन से अधिक प्रचारक कर्नाटक चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. केंद्रीय मंत्रियों समेत देशभर से 56 सांसद और नेता कर्नाटक चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे.
बीजेपी चुनाव के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर प्रबंधन पर खास जोर दे रही है. इसमें ‘पन्ना’ प्रमुखों के साथ समन्वय पर खास जोर दिया जा रहा है. इसके साथ ही बीजेपी मैसूर, मेंगलूरू, बेलगावी, कालबुर्गी, हुबली, बेल्लारी, बेंगलूरू समेत कई इलाकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी सामने लाएगी.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश बीजेपी तो कार्यक्रम के अनुसार कार्य करेगी ही. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों समेत देश के अलग-अलग सांसदों की टीम को क्षेत्रवार लगाया गया है.
पार्टी ने राज्य के 224 विधानसभा क्षेतों में हर सीट पर ‘‘शक्ति केंद्र’’ स्थापित करने की पहल की है. हर पांच-छह बूथ पर एक शक्ति केंद्र स्थापित किया गया है. इन शक्ति केंद्रों का समन्वय इसके प्रमुख कर रहे हैं. इसके अलावा हर बूथ पर कमिटी का निर्माण करने की पहल की गई है. हर विधानसभा सीट पर 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, युवा, महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. इस समिति को बूथवार रिपोर्ट तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मार्गदर्शन में चुनाव अभियान में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीमारमण, पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, जितेन्द्र सिंह, पी पी चौधरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अनंत कुमार हेगड़े के अलावा मुख्यमंत्रियों में योगी आदित्यनाथ, जयराम ठाकुर आदि शामिल होंगे.
बहरहाल, कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की जीत का दावा करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सम्पूर्ण राजनीति जाति, धर्म, पंथ के आधार पर लोगों को बांटने और तुष्टिकरण की राजनीति के माध्यम से सत्ता हासिल करने की अवधारणा पर आधारित है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व एक तरफ हिन्दुओं को बांटने और दूसरी तरफ भय दिखाकर किसी न किसी तरह से अल्पसंख्यकों को एक रखने की नीति का अनुसरण कर रहा है. इस रणनीति पर कांग्रेस सालों से चल रही है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता इस बात को समझ गई है और बीजेपी को जनादेश देने का पूरी तरह से मन बना चुकी है.
बीजेपी ने सिद्धरमैया सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 75 दिनों की कर्नाटक परिवर्तन यात्रा आयोजित की थी. इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के प्रभाव का आकलन करते हुए पार्टी ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाने का निर्णय किया है. पार्टी अलग अलग क्षेत्रों में ‘बाइकर्स रैली’ का भी आयोजन कर रही है.