नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के तत्वाधान में रविवार को ‘संविधान बचाओ आरक्षण बचाओं महारैली’ मान्यवर काशीराम स्मृति उपवन में आयोजित की गई। रैली की शुरुआत डॉ. भीमराव रामजी अमेडकर और काशीराम की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर की गई। इस महारैली में प्रदेश के सभी आरक्षण समर्थक व कार्मिक संगठन एक मंच पर दिखाई दिये। यह पहला मौका है जब प्रदेश के सभी कार्मिक संगठन आरक्षण को बचाने व लोकसभा में पदोन्नति बिल पास कराने को लेकर एक साथ गैर राजनीतिक विकल्प के तौर पर बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले के नेतृत्व में एक साथ एक मंच पर दिखायी दिये। रैली में जितनी भीड़ की उम्मीद थी उतनी भीड़ नहीं जुट पाई।
बहराइच से बीजेपी सांसद साध्वी सावित्री बाई फुले ने हुंकार भरते हुए कहा कि मैं सांसद हूं सब जानती हूं लोकसभा व राज्यसभा के दोनों सदनों में जो हो रहा है, उससे कहीं न कहीं संविधान कमजोर हो रहा है। चाहे पिछड़े वर्ग के हितों का बिल हो या फिर लोकसभा में लम्बित पदोन्नति में आरक्षण बिल हो, कोई भी पार्टी इसे पास नहीं कराना चाहती। मुझे सांसद बने रहने व टिकट की कोई चिन्ता नहीं है, मुझे संविधान व आरक्षण को बचाने की चिन्ता है। अपने समाज के लिये हमने अपना घर-बार छोड़ दिया है, अब हमारा एक ही लक्ष्य है कि दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों को एकजुट करके उनके अधिकारों को उन्हें दिलाया जाये। उन्होंने बताया कि आज महारैली ने इतिहास लिखा, जिसमें पूरे देश से बाबा साहब के अनुआयियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दलित विरोधी है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, डॉ. रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, श्याम लाल, अजय कुमार, बनी सिंह, लेखराम, अशोक सोनकर, डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के अध्यक्ष भवन नाथ पासवान, भागीदारी आन्दोलन के पीसी कुरील, एससीएसटी रेलवे इम्प्लाइज के मण्डल अध्यक्ष आरपी राव सहित प्रदेश के अनेकों कार्मिक व सामाजिक संगठनों के मुखियाओं ने एक साथ एक अप्रैल की हुंकार रैली को सफल बनाया। प्रदेश के सभी आरक्षण समर्थकों से अपील की कि जब तक वह एक जुट होकर एक मंच पर नहीं आयेंगे तब तक बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा दिया गया संवैधानिक अधिकार बचने वाला नहीं है।
महारैली के आयोजक नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के संस्थापक/अध्यक्ष अक्षयवर नाथ कनौजिया ने सभी संगठनों को मजबूती से रैली को सफल बनाने के लिये जी जान से जुटने का आहवान किया था। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाते हुए सविधान व आरक्षण को बचाने में अपना योगदान देने का अब समय आ गया है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर महासभा के मंच पर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, उप्र के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा द्वारा प्रदेश के सभी संगठनों के मुखिया को संविधान व आरक्षण को बचाने की शपथ पिछले दिनों दिलायी गयी थी। उन्होंने कहा कि उसी मंच पर समय-समय पर महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल व प्रदेश के अनेकों मुख्यमंत्रियों सहित सभी दलों के नेताओं ने समय-समय पर भाग लिया था। जिनके सामने दलित समस्याओं को महासभा द्वारा उठाया गया था।