देश में कई बड़े-बड़े घोटाले सामने लाने वाली कैग (कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे हुए है. इस रिपोर्ट से केजरीवाल सरकार पर कई तरह के सवाल उठा दिए है. रिपोर्ट के अनुसार जिन गाडिय़ों से दिल्ली में राशन की ढुलाई का जिक्र है वो जांच में स्कूटर और बाइक निकले. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये संदेह है कि राशन बांटा ही नहीं गया और फर्जी ढुलाई दिखाई गई.
दिल्ली में राशन घोटाला सहित कई विभागों में लापरवाही से हुआ घाटा:
नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) की दिल्ली सरकार को लेकर एक रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश हुई. इस रिपोर्ट ने केजरीवाल सरकार और दिल्ली के विभिन्न विभागों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के कई विभागों की कार्यप्रणाली पर तो सवाल उठाए ही गए हैं, सरकार की अदूरदर्शिता की भी कलई खोल दी है. कहीं आर्थिक नुकसान सामने आ रहा है तो कहीं दिल्ली की जनता का अहित.
वर्ष 2016-17 की यह रिपोर्ट उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को विधानसभा में पेश की. तीन भागों में बटी इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के दावों से एकदम इतर विभिन्न विभागों की विस्तार से पोल खोली गई है.
दिल्ली में चल रही 2682 बिना इंश्योरेंस बसें:
रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली परिवहन निगम की 2682 बसों के बिना इंश्योरेंस के चल पर विभाग को 10.34 करोड़ का घाटा हो चुका है. दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) की लापरवाही से राजस्व के नुकसान की बात सामने आई है. बिना किसी जांच पड़ताल और ठोस योजना के ग्रिड लगाने के लिए भूमि खरीद ली गई। डीडीए को 11.16 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया, किंतु ग्रिड आज तक नहीं लगी.
वहीं दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड (डीपीसीएल) को अधिकारियों की लापरवाही से 60 करोड़ रुपये का दंड चुकाना पड़ा है. कैग रिपोर्ट में एक अत्यंत गंभीर सच्चाई यह भी सामने आई है कि दिल्ली में मौजूद 68 ब्लड बैंकों में से 32 के पास वैध लाइसेंस नहीं हैं. इसके अलावा ज्यादातर ब्लड बैंकों में दान में मिले रक्त में एचआइवी, हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों के संक्रमण का पता लगाने के लिए एनएटी (न्यूक्लिक एसिड टेस्ट) जांच भी नहीं की जाती.
ढाई सालों में नही बना एक भी सार्वजनिक शौचालय:
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 40.31 करोड़ रुपये का बजट होने के बावजूद पिछले ढाई सालों में दिल्ली में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया. ग्राहकों को सरकार कैसे जगाएगी, इसका भी रोड मैप तक तैयार नहीं किया गया.
इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार का राग अलापने वाली केजरीवाल सरकार का सच सामने आ गया. कैग की रिपोर्ट बताती है कि तीन जिलों में करीब आठ हजार छात्र छात्राओं के लिए कोई खेल सुविधा विकसित नहीं की गई है. छह जिलों में खेल सुविधाओं के नाम पर केवल स्वीमिंग पूल हैं. इसी तरह वन विभाग ने पहले वृक्षारोपण का अपना लक्ष्य ही पूरा नहीं किया. जो किया, उसमें भी 23 फीसद पौधों को बचाया नहीं जा सका.
कैग के अनुसार राशन चोरी की है आशंका:
दिल्ली में राशन की ढुलाई के 2016-17 में कुल 207 गाडिय़ां इस्तेमाल में लाई गयीं। इनमें से तकरीबन 42 गाडिय़ां दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पंजीकृत ही नही थी। इसके अलावा 8 गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन बस, ऑटो रिक्शा,या दोपहिया वाहन के नाम पर था। इन गाडिय़ों पर इतनी बड़ी मात्रा में अनाज नही ढोया जा सकता था। इस पर सीएजी ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि, ‘इससे सन्देह पैदा होता है कि राशन का वितरण हुआ ही नही और अनाज चोरी की आशंका से नकारा नही जा सकता.
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में जिन अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के प्रत्येक मामले को इंगित किया है, उनमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नही जायेगा.
Exemplary action will be taken against the guilty in each case of corruption or irregularity pointed by CAG. No one will be spared.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 3, 2018