हड़ताल पर गए करीब 22 लाख सरकारी कर्मचारियों कि हड़ताल का अंत अभी नही हो पाया है| वेतन विसंगति और अपनी कई मागों  को लेकर ये कर्मचारी हड़ताल पर गए थे|मुख्य सचिव के साथ लिखित समझौता होने के बाद कि  कुछ कर्मचरियों ने काम पर वापसी |

कुछ कर्मचारियों कि वापसी से अस्पताल मरीजों को मिल सकेगी राहत

  • मुख्‍य सचिव के साथ लिखित समझौता होने के बाद कुछ कर्मचरियों ने बुधवार से काम पर लौटने का ऐलान किया है|
  • हड़ताल से विभिन्न सेवाओं पर खासा असर देखने को मिला|
  • अस्पतालों में व्यवस्था चरमरा और खस्ता हाल नज़र आ रही थी|
  • करीब 22 लाख सरकारी कर्मचारियों ने वेतन विसंगति दूर करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले
  • 27 कर्मचारी संगठनों और 36 निगमों  के कर्मचारियों ने एक दिन की हड़ताल की थी.

मरीजों का बुरा हाल

  • हड़ताल का सब से ज़्यादा असर अस्पतालों पर दिखाई  पड़ा है |
  • डेंगू और वायरल के चलते  पहले से ही  अस्पतालों में मरीजों का हाल पहले से ही बद्तरचल रहा है|
  • बड़ी संख्या में रोगियों से भरे अस्पतालों के  इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी में नर्सो की हड़ताल से हालात बहुत ज़्यादा बिगड़ गई |
  • हड़ताल के कारण मरीजों के साथ-साथ उनके तीमारदारों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है|
  • संविदाकर्मियों के ड्यूटी के घंटे बढ़ाकर हालात सामान्य करने की कोशिशें भी नाकाफी साबित होती नज़र आ रही हैं|

सरकारी कर्मचारियों की मुख्य मांगे

  • राज्य कर्मचारियों कि वेतन विसंगति को दूर करके सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करना|
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक हटाने कि मांग
  • वर्ष 2001 तक के नियमित कर्मचारियों को भी पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ देनेकि मांग|
  • स्थानीय निकाय और शिक्षणेत्तर एवं निगम कर्मियों को राज्य कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग|
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