उन्नाव जिले के एक गांव में आशा बहू का खुली बैठक में चयन किया गया था। जिसके लिए ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की पैनल टीम ने एक दलित महिला कर चयन किया गया था। अब इस महिला से 50 हजार रूपये की डिमाण्ड की जा रही है ऐसा नहीं करने पर खुली बैठक कर उसका चयन रद्द कर देने की आशंका जताई जा रहा है। जिसके लिए उक्त महिला ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।
योग्यता के आधार पर हुआ था चयन
ब्लॉक फतेहपुर 84 जनपद उन्नाव की ग्राम सभा अल्लापुर शिवपुरी की आवेदक कंचन देवी पत्नी ललित कुमार ने बताया की 24 जनवरी को हमारे गांव में आशा बहू का चयन चल रहा था। जिसके लिए ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की पैनल टीम ने गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर सभी आवेदनकों के फार्म चेक किए थे। जिसमें सबसे ज्यादा योग्यता एवं हरिजन को वरीयता के चलते वहां पर सभी अधिकारियों ने कंचन का चयन किया था। जिसके बाद ग्राम प्रधान ने कंचन के हुए चयन पर अपनी साइन मोहर कर दी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ब्लॉक फतेहपुर चले आए। आरोप है कि अगले दिन आवेदक के पति को स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर 84 बुलाया गया, जहां पर स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत अनितेश ने रू 50000 की मांग की।
रिश्वत नहीं देने पर नियुक्ति रद्द किए जाने की है आशंका
कंचन के पति ने बताया कि मांग पूरी न होने पर हमारी पत्नी का खुली बैठक में हुआ चयन रद्द किया जा रहा है। वहीं जब ग्रामीण एवं आशा संगिनी से बात की गई तो बताया कि खुली बैठक में आशा बहू पद के लिए कंचन का चयन किया गया था, क्योंकि उनके इतना कोई और पढ़ा लिखा नहीं था। साथ ही यह भी बताया कि इस पद के चयन के लिए कुल 6 फार्म पड़े हुए थे जिसमें वहां पर 3 आवेदक ही आयी थी। जिनमें कंचन देवी सबसे अधिक एजुकेटेड थी एवं उनको हरिजन वरीयता देकर चयन कर दिया गया था।
उच्चाधिकारियों से की शिकायत
वहीं आवेदक के पति ने बताया की मांग पूरी न होने के चलते हमें शंका है कि कहीं ऐसा ना हो कि हमारी पत्नी का खुली बैठक में हुआ चयन निरस्त करके किसी दूसरे का चयन कर दिया जाए जिसकी उन्होंने उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की है। वहीं जब सीएचसी अधीक्षक फतेहपुर 84 से बात की गई तो उन्होंने इस मसले पर कुछ बोलना उचित नहीं समझा। हां इतना जरूर बताया की आशाबहू के चयन में जो प्रधान एवं एएनएम कहेंगी उनका चयन किया जाएगा।
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