लखनऊ की मशहूर कलाकारा बेगम अख्तर की शागिर्द जरीना बेगम को रेड एफएम के आरजे टुच्चा एवं मीडिया पार्टनर Uttarpradesh.org ने उनके परिवार के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए मदद की। जिसमें उन्हें आज 1,21,823 रुपये का चेक प्रदान किया गया। बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन बीकेटी स्थित बी एन कालेज आॅफ इन्जिनियरिंग एवं टेक्नोलाॅजी के प्रांगण में किया गया था। वहीं कालेज चेयरमैन महेष सिंह पटेल द्वारा ही जरीना बेगम के परिवार को ई-रिक्षा प्रदान की गई। इस दौरान जरीना बेगम के बेटे अयूब ने तबले पर परफामेंस भी दिया। लखनऊ की फनकारा जिन्होंने अपनी पूरी जिन्दगी लखनऊ की विरासत को संभाल के रखा है उनके दर्द को देखकर हर किसी के आंसू छलक आये। जब उनके परिवार को यह चेक प्रदान किया गया तो उनके बेटा और बेटी की आँखों से ख़ुशी के आंसू छलक पड़े।
बता दें कि क्राउडफंडिंग के जरिये उनके लड़के के लिए एक ई-रिक्शा उपलब्ध कराया जा सके इसके लिए #अवध_की_आखिरी_आवाज नाम से मुहिम चलाया गया। जिसमें लखनऊ के लोगों ने बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिया।
परिवार के लोगों ने जताया आभार
जरीना बेगम के परिवार के लोगों ने रेड एफ के इस मुहिम को चलाने पर आभार जताया। कहा कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारी कोई मदद करेगा। रेड एफ एम के आगे आने से परिवार की माली हालत ठीक होगी। हम उम्मीद करते हैं कि जरीना बेगम एक बार फिर ठीक होकर हमारे बीच गाएंगी। इस दौरान आरजे टुच्चा तुषार ने कहा कि यदि जरीन बेगम को फिर किसी चीज जैसे खून आदि की जरूरत पड़ेगी तो लखनऊ उनकी मदद के लिए आगे जरूर आएगा।
राजशेखर ने अपने बच्चों के नाम पर किया योगदान
लखनऊ के पूर्व जिला अधिकारी आइएएस राजशेखर ने दस हजार रूपये जरीना बेगम के परिवार के लिए डोनेट करते हुए कहा है कि हम एक परिवार के रूप में इस मानवतावादी और सामाजिक कारण के लिए रेड एफएम और अन्य प्रचारकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। हम अपने बच्चों आर्यन और आराध्या के नाम पर इस छोटी सी राशि का योगदान दे रहे हैं, ताकि उन्हें यह महसूस किया जा सके कि उनका यह छोटा योगदान गरीबों की मदद करने और सामाजिक और मानवीय कारणों के समर्थन को मजबूत बनाने में काफी मदद करेगा। हम इस महान कार्य के लिए सभी टीम के सदस्यों और अन्य योगदानकर्ताओं का धन्यवाद करते हैं।
बेगम अख्तर की शागिर्द रह चुकी हैं जरीना बेगम
लखनऊ की मशहूर फनकारा और बेगम अख्तर की शागिर्द रह चुकी जरीना बेगम जिनकी आवाज लखनऊ के शाही दरबारों में गूंजती थी, 87 साल की जरीना बेगम की बस एक ही ख्वाहिश थी कि जो दिक्कतें उन्होंने अपनी जिन्दगी में देखी है वो सब उनका बेटा और बेटी न देखें। जरीना बेगम बस यही चाहती हैं कि उनके बेटे के लिए एक ई-रिक्शा मिल जाये जिससे उनका परिवार किसी का मोहताज न रहे। जिसके बाद रेड एफएम के रेडियो जाॅकी टुच्चा तुषार ने एक मुहीम #अवध_की_आखिरी_आवाज़ चलाकर क्राउडफंडिंग के जरिये उनकी मदद की।
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