सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस की बिगड़ी छवि को सुधारने की चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन लगता है ये पुलिस कभी सुधरने वाली नहीं है। बाराबंकी पुलिस के कारनामे तो यही दर्शा रहे हैं। अभी हाल में ही बाराबंकी पुलिस का एक ऐसा ही संवेदनहींन और गैरजिम्मेदार चेहरा नजर आया। जिसने बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करते हुए बाराबंकी पुलिस की कलई खोल दी।
बाराबंकी पुलिस ने एक किशोरी के साथ ऐसा बर्ताव किया कि जिसे सुनकर आप सिहर जाएंगे। घटना बाराबंकी के सुबेहा थाने की है। सुबेहा थानातंर्गत भटगवां की एक किशोरी का 30 मार्च को अपहरण हो गया था। किशोरी के परिजनों ने थाने में किशोरी के अपहरण करने का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है 2 अप्रैल को किशोरी के बरामदगी के बाद पुलिस ने किशोरी को पुलिस जांच व बयान दर्ज कराने के नाम पर पिछले 6 दिनों तक थाने में बैठाये रखा। मामला मीडिया में आने के बाद सुबेहा थाने की पुलिस ने आनन फानन में 8 मार्च को युवती को घर भेजवाया।
बाराबंकी – नाबालिग किशोरी ने @Barabankipolice के दारोगा की खोली पोल. @Uppolice pic.twitter.com/vc4f6JLR4U
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) April 11, 2018
कैदी से भी बदतर किया गया बर्ताव
किशोरी ने आरोप लगाया कि जब मैं 2 अप्रैल को सुबेहा थाने पहुँची, तो वहाँ करवाई के नाम पर मुझे 6 दिनों तक बैठा लिया गया। किशोरी का कहना है कि जब उसके पिता जी उसे ले जाने की कहते तो थाने वाले बयान व मेडिकल की बात कहते हुए पीड़िता के पिता को बहका देते और 24 घण्टे में एक बार ही भोजन देकर जमीन पर लिटाया जाता था। किशोरी का कहना है कि उस दौरान उसे बहुत तेज बुखार भी था।
बड़े दारोगा सादी और समझौते के लिए बराबर बना रहे थे दबाव
किशोरी ने आरोप लगाया कि थाने के बड़े दारोगा हम पर सादी व समझौते का बराबर दबाव बना रहे थे, लेकिन हमने धैर्य नही छोड़ा। आरोप है कि पुलिस समझौता कराने के लिए उनको धमका रही है और समझौता न करने पर उनकी बेटी को उन्हें नही सौप रही थी।
किशोरी के बयान से तो ‘कानून’ शब्द मजाक लगता है। क्योंकि कानून लोगों की रक्षा के लिए बनाये गए हैं। जब यही कानून लोगों का इनके हितों का भक्षण करने लगे तो कौन विश्वास करेगा? जब देश की रक्षा करने वाली पुलिस ही देश की व्यवस्था में दीमक लगा दे तो बाकी लोगों से कोई क्या उम्मीद लगाएगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस मामले में क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ बाराबंकी समर बहादुर सिंह ने बताया कि किशोरी की ओर से मिली तहरीर के अनुसार मामला दर्ज कर लिया गया है। किशोरी मेडिकल व बयान के लिए घर से आती जाती थी, उसका मेडिकल परीक्षण व 164 का बयान हो गया है।