फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने सहयोगी दलों की मदद से ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है। इस जीत से सपा और बसपा दोनों का हौंसला पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। इन उपचुनावों के बाद सभी की नजर उत्तर प्रदेश की 1 और लोकसभा सीट कैराना पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई है। इस चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन ना होना तय हैं। इस बीच इस उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के लिए एक बड़ी महिला नेता के नाम की चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
कैराना पर है सपा-बसपा की नजर :
फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में बसपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था और सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दिया था। इसका असर साफ देखने को मिला और भारी अंतर से दोनों सपा प्रत्याशियों की जीत हुई। अब दोनों पार्टियों की नजर कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हैं। खबर है कि इस उपचुनाव में भी सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन होगा और संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर रालोद के चौधरी अजीत सिंह या जयंत चौधरी को उतारा जा सकता है। हालाँकि अभी इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है मगर सपा अपने प्रत्याशी को लेकर काफी मंथन कर रही है।
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पूर्व सांसद हो सकती हैं प्रत्याशी :
कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुकुम सिंह के निधन होने के कारण होने जा रहा है। अभी तक केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा इस सीट पर होने वाले उपचुनाव की तिथि नहीं जारी की गयी है और सपा में प्रत्याशी को लेकर चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। सपा के सोशल मीडिया ग्रुप्स पर अफवाह चल रही है कि इस लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन की माँ और पूर्व सांसद तबस्सुम हसन को उतारा सकता है लेकिन पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं हुआ है। अब देखना यह है कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी कौन होता है।