जालियावाला बाग कांड शताब्दी समारोह आयोजन समिति के तत्वाधान में जालियांवाला बाग हत्याकांड के शताब्दी वर्ष के मौके पर जीपीओ पार्क हजरतगंज में समृति सभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी सी0बी0 सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत क्रांतिकारी नारों और गीतों से हुई। सभा की शुरूआत करते हुए समिति के संयोजक वीरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि रौलेक्ट एक्ट के विरोध में जब जालियांवाला बाग में सभा हो रही थी, उसी दौरान आतंकी अंग्रेज अफसर ने सभी पर अंधाधुंध गोलियां चलवाई थी, जिसके कारण हजारों लोग शहीद हो गये थे, यह एक बर्बर हत्याकांड था।
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद वालेन्द्र कटियार ने 13 अप्रैल, 1919 को जालियांवाला बाग में हुए वीभत्स हत्याकांड की चर्चा करते हुए कहा कि जब एक देश के साम्राज्यवादी भारत में अपने लूट को जारी रखने के लिए निर्दोष लोगों का इस तरह कत्लेआम कर सकते हैं। तब आज जिस तरह से हमारे देश का प्रधानमंत्री पूरी दुनियां में तमाम देशों के सम्राज्यवादियों को भारत में लूट के लिए आमंत्रित करते घूम रहे हैं।
जब देश के आमलोग इन साम्राज्यवादियों के लूट का विरोध करेंगे, तब उन पर साम्राज्यवादियों द्वारा जो हमला होगा, उसको सोच कर मन सिहर उठता है। इसलिए जरूरी है कि तुरन्त ही साम्राज्यवादी विरोधी ताकतवर जनआन्दोलन का निमार्ण किया जाये, ताकि भारतीय शासक वर्ग को देश में साम्राज्यवादियों को बुलाने से रोका जा सके।
वरिष्ठ लेखक एस0के0 पंजम ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे किसी धर्म, जाति, क्षेत्र विशेष के लिए नहीं लड़े थे, बल्कि वे उन सब विचारों से उपर उठकर भारत के शोषितों से मुक्ति के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। अध्यक्षीय सम्बोधन में सी0बी0 सिंह ने कहा कि मौजूदा पतनशील पूंजीवादी द्वारा पैदा किये गये गंदे सांस्कृतिक परिवेश के खिलाफ राष्ट्रव्यापी संघर्ष छेड़ने हेतु जालियांवाला बाग के शहीदों व अन्य क्रंातिकारियों के एतिहासिक संघर्ष को समझना और उनके जीवन संघर्ष से शिक्षा ग्रहण करना हमारा अनिवार्य कार्यभार है।