2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक करने के बाद चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं से कहा है कि सिर्फ सपा ही भाजपा को 2019 में रोकने का काम करेगी। इस बीच भाजपा के एक कद्दावर नेता ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव से मुलाकात की है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।

रमाकांत यादव ने उठाये सवाल :

उप चुनावों में मिली हार का कारण आजमगढ़ के पूर्व सांसद और बीजेपी नेता रमाकांत यादव ने पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा को बताया है। रमाकांत यादव ने भाजपा को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर समय रहते भाजपा नेतृत्व सचेत नहीं हुआ तो 2019 में भी बीजेपी को करारी हार मिलेगी। रमाकांत यादव ने सीधे सीएम योगी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पूजा-पाठ करने वाले को यूपी का मुख्यमंत्री बना दिया गया, उनके बस में अब सरकार चलाना नहीं है। पिछड़ों-दलितों को उनका हक़ मिलना चाहिए, सम्मान मिलना चाहिए। मगर सीएम योगी उन्हें वो सम्मान नहीं दे रहे हैं। वे केवल एक जाति विशेष तक सीमित रह गये हैं।

भाजपा से भरा मन :

योगी राज में तवज्जो न दिए जाने के कारण भाजपा के बाहुबलि नेता रमाकांत यादव का पार्टी से मन भर गया है। यही कारण है कि वे पार्टी और सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते दिखते हैं। हालाँकि सपा में भी उनकी बात बनती हुई नहीं दिख रही है और भाजपा में भी उन्हें भाव नहीं दिया जा रहा है। रमाकांत यादव के ख़ास सूत्रों के अनुसार उन्होंने सपा नेता रामगोपाल यादव से 2 बार दिल्ली में बातचीत की है। ऐसे में रमाकांत यादव की सपा में वापसी पर फैसला जल्द लिया जा सकता है। मगर यदि रमाकांत यादव को सपा ने अपने साथ नहीं लिया तो उनकी मुश्किलें बढ़ना तय है।

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