गुजरात के सूरत में 11 साल की बच्ची की लाश मिलने के बाद से ही पुलिस बच्ची की पहचान में जुट गयी थी. जाँच में साफ़ है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गयी. बच्ची के परिवार को ढूंढने में लगभग 2 हफ्ते बाद पुलिस कामयाब हो गयी है. आंध्र प्रदेश के एक परिवार ने बच्ची से पहचान का दावा किया है.
6 अप्रैल को मिली थी बच्ची की लाश, तब से परिवार की खोज में थी पुलिस:
गुजरात के सूरत में 11 साल की लड़की से रेप और मर्डर की गुत्थी में नया मोड़ सामने आया है। कई दिनों से लड़की के परिवार को ढूंढ रही पुलिस को एक कामयाबी मिली है। आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने सूरत पुलिस से संपर्क करके दावा किया कि जिस नाबालिग लड़की का शव 6 अप्रैल को बरामद किया गया था, वह उसकी बेटी हो सकती है. लड़की के पिता होने का दावा करने वाले का नाम मकन चीना नगैया डिवैया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि व्यक्ति के दावे का सत्यापन करने के लिये डीएनए नमूने को जांच के लिए भेजा गया है. सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने कहा, ‘‘ आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ हमसे संपर्क किया और दावा किया कि 6 अप्रैल को जिस लड़की का शव मिला था, वह उसकी बेटी है. उसने कहा कि वह पिछले साल अक्तूबर में लापता हो गई थी.’’
परिवार का दावा, बच्ची पिछले साल अक्टूबर से थी लापता:
खुद को लड़की को पिता बताने वाले मकन ने कहा कि वह किसी भी टेस्ट से गुजरने को तैयार है। लड़की से रेप और मर्डर की वारदात 6 अप्रैल को सामने आई थी और ऐसा बताया जा रहा है कि वह पिछले साल अक्तूबर से गायब थी।
बच्ची का शव बरामद करने के बाद पता चला कि उसके साथ कई बार रेप किया गया और उसके शरीर पर करीब 86 चोट के निशान मिले थे। साथ ही मौत की वजह से दम घुटना बताई गई।
बच्ची के परिवार को खोज रही पुलिस ने इसके लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया । पुलिस ने बच्ची की फोटो ट्वीट करते हुए उसकी उम्र 9-13 साल बताई, पुलिस ने कहा कि उसका रंग गोरा है और उसने नीले और सफेद स्ट्रिप्स वाली टी-शर्ट और जींस पहनी हुई है।
पुलिस को संदेह था कि यह बच्ची ओडिशा और बंगाल से आने वाले प्रवासियों में से किसी परिवार से है, जो नौकरी की तलाश में शहर आते हैं। शहर के पुलिस अधिकारी सतीश शर्मा का कहना है कि उन्होंने इस मामले को सुलझाने के लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी मदद मांगी।
बता दें यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया है। इसके अलावा गुजरात और उसके पड़ोसी राज्यों से 8,000 के करीब गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए थे। जिस स्थान पर बच्ची का शव मिला वहां से 1.5 किमी रेडियस एरिया तक घर-घर जाकर पुलिस ने सर्वे भी किया।