हाल में मासूम बच्चियों के साथ लगातार हो रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर देश में आक्रोश का माहौल है. जगह से जगह से लोगों ने बच्चियों के साथ रेप मामले में कड़ी सज़ा की मांग की है.इसी मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल भी अनशन पर हैं. इसी कड़ी में केंद्र सरकार अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ रेप के दोषी को फांसी की सज़ा दिए जाने की व्यवस्था करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिख कर जानकारी भी दे दी है.
बच्चों से दुष्कर्म के आरोपी को फांसी देने का प्रावधान बनेगा:
मासूमों के साथ होने वाली रेप की घटनाओं को लेकर देशभर में छाए गुस्से के बीच केंद्र सरकार कानून को सख्त करने में जुट गई है. केंद्र सरकार ने जारी किये अपने एक बयान में कहा है कि 12 साल तक की उम्र के बच्चों के साथ रेप के दोषी को फांसी की सजा दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है. केंद्र सरकार ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से ये बातें कही हैं.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सराकर द्वारा भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि 12 साल तक के बच्चों के साथ रेप के दोषी को अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा और इसके लिए केंद्र सरकार POCSO कानून में बदलाव करने जा रही है।
इस मामले में अब 27 अप्रैल को सुनवाई होगी। केंद्र सरकार इस पर जल्द ही कानून ला सकती है। इन दिनों देश में लोग रेप अपराध को रोकने ले लिए कठोर सज़ा की मांग भी कर रहे हैं। हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना के बाद ये मांग और भी तेज हो गई है।
मासूम बच्चों के साथ रेप के मामले में अपराधियों को मौत की सजा दिलाने के लिए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी दिल्ली में राजघाट पर अनशन पर बैठी हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती हैं ,उनकी ये भूख हड़ताल जारी रहेगी।
स्वाति की मांग है कि रेप के मामलों में फास्ट ट्रैक अदालत स्थापित की जाए और छह महीने के भीतर मामले का निपटारा करके सजा दी जाए।