राजधानी लखनऊ के मायानगर डालीगंज स्थित मुख्य मार्ग पर एक दुकानदार द्वारा अवैध रूप से रास्ते पर कब्जा कर दुकान संचालित किया जा रहा है। इस संदर्भ में आसपास के लोगों ने कई बार नगर आयुक्त को लिखित सूचना दी। जिसके नगर आयुक्त ने जांच कर सार्वजनिक मार्ग से हटाने का आदेश दिया। आरोप है कि इसके बावजूद कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अवैध कब्जे को हटाया नहीं जा रहा है।
अपराधी प्रवृति का है दुकानदार
बता दें कि रामप्रिय दास सहित अन्य लोगों ने मायानगर डालीगंज स्थित नगर आयुक्त को पत्र लिखकर अवैध कब्जा हटाने की शिकायत की थी। आरोप लगाया है कि मेवालाल पाल पुत्र जीत बहादुर पाल द्वारा अवैध रूप से सड़क पर कब्जा कर मिठाई की दुकान चलाई जाती है। जिससे राहगीरों के आवागमन में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि उक्त दुकानदार द्वारा दबंगई दिखाते हुए अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण करवाया जा रहा है। मना करने पर धमकाया जाता है कि मेरी पहुंच ऊपर तक है। उक्त दुकानदार अपराधी प्रवृति का है और फौजदारी पर आमदा रहता है।
कई बाद दे चुकें हैं लिखित शिकायत
रामप्रिय दास व अन्य ने कई बार राजस्व विभाग को लिखित सूचना दी है। पहली बार नगर आयुक्त को इसकी लिखित शिकायत 06 जनवरी 2018 को दी थी। जिसके बाद 25 जनवरी को पुनः लिखित सूचना देकर अवैध निर्माण हटवाने की गुहार लगाई थी। उसके पश्चात 8 मार्च को पुनः लिखित सूचना दी गई। जिसपर मामले को संज्ञान में लेते हुए अब तक चार बार संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किया गया था कि यदि सार्वजनिक मार्ग पर अवैध निर्माण किया गया हो तो हटवाये।
भ्रष्टाचार में लिप्त हैं कर्मचारी
आरोप लगाया है कि नगर अभियंता मनीष एवं नीतू चौधरी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। नगर आयुक्त के आदेशित किए जाने के बाद भी अवैध कब्जा हटवाया नहीं जा रहा है। उक्त दुकानदार से पैसे लेकर नगर आयुक्त के आदेश को ठेंगा दिखा दिया जा रहा है।