कानपुर में पुलिस ने कक्षा तीन के छात्र के अपहरण के मामले में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें दो मेडिकल की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र भी शामिल हैं। लगातार दो साल नीट में फेल होने के बाद उन्होने मासूम के अपहरण की साजिश रच डाली। लेकिन पुलिस की सक्रियता से पहले वह अपनी प्लानिंग में फेल हो गए वहीं बाद में पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
नीट की कर रहे है तैयारी
बिना मेहनत करोड़ों कमाने की चाहत में एक मासूम का अपहरण कर लिया। अपराध की दुनिया में नए होने के कारण वह अपनी प्लानिंग में सफल नहीं हो सके। गिरफ्तार चार लोगों में रवि वर्मा और विक्की यादव काकदेव कोचिंग मंडी में रह कर नीट की तैयारी कर रहे थे। लेकिन दो बार परीक्षा देने के बाद भी वह असफल रहे। इसके बाद इन्होने कम समय में अमीर बनने की चाहत में हॉस्टल के सामने रहने वाले हॉस्टल संचालक के बेटे की अपहरण की साजिश रची। जिसमें इन्होने अपने साथ दो अन्य लोगों को भी शामिल कर लिया। 16 अप्रैल को स्कूल जाते समय इन्होने नौ साल के बच्चे नन्दू का अपहरण कर लिया।
फिरौती की मांग की
फिल्मी स्टाइल में अपहरण करने के बाद कुछ ही मिनटों में इन्होंने अपहृत के पिता को फोन कर पांच लाख की फिरौती की मांग की। जिसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने नाकेबंदी की तो यह डर गए। अपहरण किए बच्चे को प्रतापगढ़ ले जाने की योजना थी। लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते इन्होने बच्चे को फतेहपुर जाने वाली बस में बैठा दिया। अपहरण के छह घंटे बाद पुलिस ने सकुशल बच्चे को बरामद कर लिया। जिसके बाद पुलिस अपहरण कर्ताओं की तलाश में जुटी थी। पुलिस की टीम ने चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके पास से अपहरण में प्रयोग की गयी मोटर साइकिल, कार, तमंचा, टेप और हैलमेट बरामद हुआ है।
पुलिस ने किया 6 घण्टे में बरामद
कानपुर में कोचिंग मंडी में हॉस्टल संचालित करने वाले मंजीत अपने बच्चे के अपहरण के बाद सकते में आ गए थे। पुलिस ने जब छह घंटे में उनके बच्चे को बरामद कर लिया तो वह पुलिस की तारीफ करते नही थक रहे हैं। मंजीत का कहना है कि कोचिंग मंडी में रुपयों के लालच में लोग बिना किसी वैरीफिकेशन के लोगों को कमरा दे देते हैं। जिसके चलते यहां पर अपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी रहने लगे हैं जो लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं। मंजीत के घर के सामने हॉस्टल में रहने वाले रवि और विक्की के पास उनके बेटा नन्दू कभी कभी खेलने जाता था।
सलाखों के पीछे पहुंचे आरोपी
निश्चित तौर पर पुलिस की सक्रियता के चलते बच्चे की जान बच गयी और अब पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर दिखा दिया कि पुलिस के हाथ वाकई लम्बे होते हैं। लेकिन पुलिस अक्सर एक्शन मे देर से आती है। समय से पुलिस गम्भीर प्रयास करे तो अपराधी उससे दूर नही है। वहीं रवि और विक्की के लालच ने उनके डाक्टर बनने का सपना तोड कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।