सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि वंशवाद यदि नदियों के किनारे बस जाते हैं तो प्यासे होठ एक एक बूंद पानी को तरस जाते। इस दौरान अखिलेश यादव पर सिंचाई मंत्री धर्म पाल सिंह ने साधा निशाना साधते हुए कहा कि गोमती नदी को प्रदूषित करने का पाप सपा सरकार ने किया था। कोई पिता से जबरदस्ती की कुर्सी छीन लेता है तो कोई दौलत की बेटी की संज्ञा पा जाती है। इस दौरान कहा कि भाजपा, योगी और धर्मपाल ने राजनीति को सेवा से जोड़ा है।

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा-

राजनीति हमारे लिए धर्म है धंधा नहीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा ने और धर्मपाल सिंह ने राजनीति को सेवा से जुड़े हैं। राजनीति हमारे लिए धर्म है।

नदियों को जीवित और संरक्षित करने के लिए सरकार ने 8 नदियों को चिन्हित किया है।

नदी कि भव्यता के नाम पर सपा सरकार ने अपराध किया।

योगी सरकार ने उसकी सीबीआई जांच कराई जो चल रही है।

जल्द जांच पूरी हो जाएगी और चाचा-भतीजे का खेल भी सामने आ जाएगा।

2016-17 में अखिलेश सरकार ने 48 लाख हेक्टेयर सिंचाई की थी योगी सरकार ने 17-18 में 73 लाख हेक्टेयर सिंचाई की।

गोमती नदी के लिए योजना पैसा खाने के लिए बनाई गई थी, अचानक उसका बजट भी इसी लिए दोगना तिगुना किया गया।

मोदी देश के सूरज और अखिलेश यूपी के फ्यूज बल्ब हैं।

जिन को राजनीति विरासत में मिली हो अतः सोने चांदी का चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुई हूं उनको राजनीति की लूट-खसोट करनी आती है लेकिन गांव गरीब किसान मजदूर की चिंता करनी नहीं आती।

यह तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले कभी सत्ता में आते हैं तो जनता के खून पसीने की कमाई और पर डाका डालते हैं और आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा चलता है।

कोई दलित की बेटी से दौलत की बेटी बन जाती है तो कहीं कोई बेटा पित्ताशय जबरदस्ती कुर्सी छीन लेता है कौन सा मुंह लेकर जनता की बात करते हैं।

अखिलेश ने कहा है कि भाजपा सरकार में नदियों की चिंता नहीं की सच में योगी सरकार ने नदियों को देश की धरोहर वह सभ्यता का प्रतीक बन काम करना प्रारंभ किया है।

उत्तर प्रदेश में हर जिले में कोई-न-कोई नदी मृत्यु को प्राप्त कर गई है यही कारण है कि हमने नदियों को जीवित और संरक्षित करने के लिए जन जागरण का रंग 10 मार्च 2018 से किया है।

हमने उत्तर प्रदेश में 8 नदियों को चिन्हित किया है जिसमें गोमती नदी लखनऊ तमसा नदी अयोध्या वरुणा नदी बनारस आमी नदी गोरखपुर सई नदी लखीमपुर खीरी एरिल नदी बरेली सोत नदी बदायूं और अरुणिमा नदी बस्ती

गोमती नदी की जांच योगी सरकार ने सीबीआई से पूरी करा ली है जांच पूरी होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा हमने जिन नदियों का नाम लिया है उनको जन जागरण कर जनता के सहयोग से जीवित करने का काम प्रारंभ कर दिया है

गोमती नदी का उद्गम स्थल पीलीभीत है पीलीभीत में जन सहयोग व अधिकारियों के द्वारा जन आंदोलन बनाकर बिना किसी सरकारी फंड के जनता के श्रमदान से 20 किलोमीटर लंबाई में इस नदी की खुदाई और सफाई की जा चुकी है शेष पर कार्य जारी है

सपा सरकार में नेहरू का पानी नहीं आता था, लेकिन योगी सरकार में नेहरू ने खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य किया।

कहीं पर तो पहली बार 15 साल बाद पानी आया तो किसानों ने खुशी मनाई प्रदेश के जमीन का कुल क्षेत्रफल 240 पॉइंट 900000 हेक्टेयर है।

इसमें कृषि योग्य क्षेत्रफल 128 पॉइंट 4000000 हेक्टेयर है।

नेहरू का कुल कमाल क्षेत्रफल जो कृषि योग्य है 101 पॉइंट 1600000 मीटर है और नलकूपों का कुल क्षेत्रफल 29 पॉइंट 1400000 हेक्टेयर है।

म्हारो नलकूपों के कमान कृषि क्षेत्र पर 130 पॉइंट एक लाख हेक्टेयर है

गोमती रिवर फ्रंट में सिर्फ रुपया खाने के लिए स्कीम बनाई गई थी।

656 पॉइंट 599 करो गोमती रिवर फ्रंट का बजट था बाद में यह बजट कैसे बढ़ाया गया क्यों बढ़ाया गया।

फिर भी कार्य पूरा नहीं हुआ दुगना तिगुना बजे बढ़ाया गया और जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

जो लोग कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने नदियों के लिए कुछ नहीं किया उसके जवाब में मैं कहना चाहता हूं कि योगी सरकार ने किया वो किसी ने नहीं किया।

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