जल निगम भर्ती घोटाले के मामले में आजम खान पर योगी सरकार सिकंजा कसती नजर आ रही है। योगी सरकार ने इस भर्ती घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। जिसके बाद दोषी पाए जाने पर FIR दर्ज कराने का फैसला किया है। SIT ने घोटाले की जांच के बाद FIR के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। जिसके बाद शासन से हरी झंडी मिलते ही जल निगम के घोटालेबाजों पर sit ने केस दर्ज किया। दर्ज FIR ने आजम खान के साथ अफाक, एसपी सिंह, अशुदानी और चीफ इंजीनियर भी शामिल हैं। जिनपर जालसाजी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज हुआ है।
योगी सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
आजम खान के खिलाफ योगी सरकार ने यह आरोप लगाया है कि साल 2016-17 में जल निगम की भर्ती बोर्ड के चेयरमैन थे। जब उनके कार्यकाल में जल निगम की 13 सौ पदों पर भर्ती निकली। तो उन्होंने जल निगम भर्ती बोर्ड में काफी गोलमाल किया था।
जब यूपी में योगी सरकार आई तो इस घोटाले का पता चला। जब इस घोटाले का पता चला तो योगी सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी। जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है।
आजम खान ने कहा मैं इस घोटाले में शामिल नहीं
जब एसआईटी ने जांच के दौरान आजम खान से पूछा तो जवाब दिया कि मैं इस घोटाले में शामिल नहीं हूं। ना ही मेरे ऊपर कोई दाग लगा है और ना ही लगेगा।
योगी सरकार के लिए इससे बड़ा सवाल क्या होगा कि उन्होंने कम से कम मेरे मुंह पर घोटाले की कालिख तो लगा ही दी। इसके साथ ही यह भी कहा कि मैं BJP की योगी सरकार को धन्यवाद देता हूं।
आजम खान के बचाव में उतरे अखिलेश
वही SIT की जांच जब पूरी हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजम खान का बचाव में उतर आए। बचाव करते हुए कहा कि योगी सरकार एजेंसियों का भरपूर उपयोग कर रही है। जिससे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।
यह है आरोप
आजम खां पर यह आरोप है कि जल निगम की भर्ती में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता समेत कुल 1300 एसआईटी टीम ने जल निगम भर्ती घोटाले की जांच की रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपी।
जिसके बाद अब योगी सरकार ने आजम खान के खिलाफ FIR दर्ज कराने का फैसला किया और योगी सरकार के इस फैसले से आजम खान मुश्किल में आने वाले हैं।