प्रदेश के तमाम जिलों में फरियादियों की समस्याओं की समुचित सुनवाई नहीं हो पति थी। मीडिया को भी किसी घटना की सही जानकारी न मिल पति थी। जिससे खड़ी होने वाली समस्याओं के मद्देनजर डीजीपी कार्यालय हरकत में आ गया है। इन समस्याओं से पार पाने के लिये अब डीजीपी मुख्यालय ने तय किया है कि प्रदेश के सभी जिलों में एसपी कार्यालय में पीआरओ सेल का गठन किया जा रहा है। इसके लिये डीजीपी ओपी सिंह ने उत्तर प्रदेश ने मीडिया/सोशल मीडिया सेल के गठन का सर्कुलर जारी किया है। इसा क्रम में मेरठ में एसएसपी मंजिल सैनी दहल ने मीडिया सेल का प्रभारी इंस्पेक्टर अजय अग्रवाल को बनाया।

उन्नाव प्रकरण में हुई थी फजीहत

डीजीपी मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, उन्नाव मामले ने प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया था। इस पूरे मामले में पीड़िता को जब उन्नाव में अधिकारियों से इंसाफ नहीं मिला तो वह सीएम आवास पर आत्मदाह करने आ पहुंच गई थी। स्थानीय मीडिया ने भी शिकायत की थी कि पुलिस द्वारा सही जानकारी न मिल पा रही है। जिसके बाद न सिर्फ पुलिस की जमकर फजीहत हुई थी। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार को भी खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

उन्नाव प्रकरण से लिया गया सबक

जिसे संभालने में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पसीने छूट गए थे। इस घटना के सामने आने के बाद आखिरकार डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों ने ऐसी समस्या दोबारा खड़ी न हो, इसके लिये मंथन किया गया। जिसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि प्रदेश के सभी जिलों के एसपी कार्यालयों में एक स्वतंत्र पीआरओ सेल का गठन किया जाए।

तय होगी जिम्मेदारी

दरअसल, वर्तमान में हर एसपी, एसएसपी के मातहत एक पीआरओ तैनात होता है। लेकिन, तमाम जिम्मेदारियों की वजह से वह अपना असल काम नहीं कर पाता। इसी को देखते हुए पीआरओ सेल के गठन की जरूरत महसूस की गई। जिसके तैयार होने पर डीजीपी की मंजूरी मिलते ही इसे सर्कुलर के रूप में जारी कर दिया गया। इसमें पीआरओ सेल की जिम्मेदारी भी तय की गई हैं।

निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा सेल

पीआरओ सेल एसपी,एसएसपी कार्यालय में अपनी शिकायतों को लेकर आने वाले फरियादियों की समस्या को सुनेगा। जिसके बाद संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएगा। इतना ही नहीं फॉलोअप कर उनका निस्तारण भी सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा सेल की लोकल मीडिया से समन्वय बनाने की भी जिम्मेदारी होगी। इसके तहत जिले में होने वाली किसी भी घटना या पुलिस के गुडवर्क की पूरी डिटेल मीडिया को मुहैया कराया जाइगी। इसके अलावा किसी अपराध में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से भी मीडिया को अवगत कराना होगा।

समय से मिलेगी मीडिया को पूरी जानकारी

मीडिया को समय रहते पूरी जानकारी व फोटो मिलेगी। इसके लिये पीआरओ सेल को तमाम एक्विपमेंट से लैस किया जा रहा है। इसके लिये सेल को हाई मेगापिक्सल का एंड्रॉयड स्मार्टफोन, ट्राइपॉड, डेटा केबल किट दी जाएगी। जिसके जरिए घटना या गुडवर्क की फोटो व विजुअल के साथ-साथ अधिकारियों की बाइट भी तुरंत मुहैया कराई जा सकेगी।

खास बात-

1-प्रदेश के हर जिले, रेंज, जोन में होगी मीडिया/ सोशल मीडिया सेल।
2- इन्स्पेक्टर रैंक का अधिकारी होगा मीडिया / सोशल मीडिया सेल का प्रभारी।
3-मीडिया सेल 24 घंटे कार्यरत रहेगी।
4- प्रभारी का सीयूजी नम्बर मीडिया से साझा किया जायेगा।
5- मीडिया को बाइट/ वक्तव्य दिलाना प्रभारी की ज़िम्मेदारी होगी।
6- सनसनीख़ेज़ घटना में एसएसपी / आईजी/ एडीजी अपनी ऑडीओ/ वीडियो बाइट भी ट्विटर हैंडल पर अपलोड करेंगे एवं मीडिया को WhatsApp पर भी भेजेंगे।
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