उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के दुदुई रेलवे स्टेशन के नजदीक मानव रहित क्रासिंग पर बीते गुरुवार को सुबह बच्चों से भरी स्कूल वैन के एक पैसेंजर ट्रेन से टकरा जाने के कारण 13 बच्चों की मौत की ह्रदय विदारक घटना हमारे देश की सड़कों पर की जा रही यात्राओं के नितांत असुरक्षित होने की पुष्टि करती है पर क्या भारत में की जा रही हवाई यात्राएं पूर्णतया सुरक्षित हैं? शायद नहीं क्योंकि सूबे की राजधानी लखनऊ के आरटीआई कंसलटेंट संजय शर्मा की एक आरटीआई पर भारत सरकार के नागर विमानन विभाग के महानिदेशक कार्यालय के उप निदेशक वायु सुरक्षा एम. जे. सिंह और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के ADAW राजे भटनागर द्वारा दिए गए उत्तरों से यह खुलासा हुआ है कि पिछले 6 साल में भारत में हुई वायु दुर्घटनाओं में 41 मौतें हो चुकीं है।
इतनी हो चुकीं हवाई दुर्घटनाओं में मौतें
संजय शर्मा ने बीते साल के नवम्बर महीने की 20 तारीख को भारत सरकार के गृह मंत्रालय में एक आरटीआई अर्जी देकर इस सम्बन्ध में सूचना माँगी थी। राजे भटनागर ने लिखा है कि AAIB का गठन 30 जुलाई 2012 को हुआ था अतः AAIB के पास केवल 30 जुलाई 2012 से आगे की सूचना है और समाजसेवी संजय को बताया है कि 30 जुलाई 2012 से 09 अप्रैल 2018 तक भारत में हुई वायु दुर्घटनाओं में कुल 40 मौतें हुईं जिनमें से 39 मौतें हवा में और 1 मौत जमीन पर हुई। एम. जे. सिंह ने ‘तहरीर’ संस्था के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा को बताया है कि 31-12-2011 तक की हवाई दुर्घटनाओं की सूचना नागर विमानन विभाग के महानिदेशक की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है कि साल 2012 में 01 जनवरी से 12 जून के बीच भारत में कुल 5 वायु दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 1 व्यक्ति की मौत हुई।