मुंबई के एक पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के करीब सात साल बाद आज विशेष अदालत इस सनसनीखेज मामले में अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले का मुख्य आरोपी माफिया डॉन छोटा राजन दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
सात साल बाद आज आयेगा फैसला:
अखबारमिड-डे के पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या मामले में मुंबई की विशेष सीबीआइ अदालत सात साल बाद बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में 11 आरोपित हैं। जे डे की 11 जून, 2011 को मुंबई के पोवई इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
11 जून 2011 को मुंबई में हुई थी पत्रकार की हत्या:
क्या है मामला:
56 वर्षीय ज्योतिर्मय डे अंग्रेजी सांध्य दैनिक मिड डे के संपादक(इनवेस्टिगेशन) थे। उन्हें 11 जून, 2011 को मध्य मुंबई के उपनगर पवई में उनके आवास के पास गोली मार दी गई थी। इस मामले में सनसनीखेज मोड़ तब आया था, जब पुलिस ने 25 नवंबर, 2011 को मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक की पत्रकार जिगना वोरा समेत 10 अन्य को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान पता चला था कि वोरा लगातार छोटा राजन के संपर्क में थीं और डे की हत्या के लिए उसे उसकाया था। इस हत्याकांड के लिए छोटा राजन को पांच लाख रुपये दिए जाने थे, जिसमें दो लाख रुपये अग्रिम दे दिए गए थे।
माफिया डॉन को ‘चिंदी’ बताया था:
डे ‘खल्लास- एन ए टू जेड गाईड टू द अंडरवर्ल्ड’ और ‘जीरो डायल : द डेंजरस वर्ल्ड ऑफ इनफोरमर्स’ के लेखक थे। वे मौत से पहले अपनी तीसरी किताब ‘चिंदी : राग्स टू रिचेस’ लिख रहे थे। उन्होंने कथित रूप से अपनी आने वाली किताब में माफिया डॉन राजन की चिंदी (तुच्छ) के रूप में छवि गढ़ी थी, जिसने संभवत: छोटा राजन को उकसाने का काम किया।