लखीमपुर खीरी जिले का मंडी रिश्वतखोरी का शिकार हो गया है। जहां पर किसानों को गेहूं बेचने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। किसानों का गेहूं यह कहकर नहीं तौला जाता कि बारदाना (गेंहूं रखने का बोरा) नहीं है। वहीं किसानों का आरोप है कि यदि किसान बारदाना सेंटर पर उपलब्ध होने की बात कहता है तो उससे अधिक पैसे देने को कहा जाता है। जिससे किसानों में काफी रोष देखा जा सकता हैं। दूसरी तरफ मंडी परिसर में पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण किसान तपती धूप में प्यासे रहने को मजबूर है।
किसानों ने लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी गेंहू सेंटरों पर दबंगई के दम पर रिश्वतखोरी के चलते किसानों का गेहूं नहीं तौला जा रहा है। किसान गेंहू सेंटरों पर जाता है तो उसे ये कहकर टाल दिया जाता है कि बारदाना नहीं है। किसानों का आरोप है कि पैसे के दम पर चल रहे है सेंटर पर मामला यह है कि अगर पैसा या कोई पावर है तो गेंहू तोला जा सकता है। वरना गरीब किसान से बारदाना नहीं होने का कारण बता कर टाल दिया जाता है।
बारदाना के लिए मांगा जाता है शुल्क
किसानों के लिए गेहूं तौलवाना एक पहाड़ खोदने जैसा काम हो गया है। काफी हाथ पांव मारने के बाद जब किसान बारदाना सामने रखा देखकर बोलता है बारदाना तो है आपके पास है। तो उससे अधिक शुल्क मांगा जाता है। इसको लेकर किसान में काफी आक्रोश दिखाई देता है।
मंडी परिसर में पानी को तरसते हैं किसान
मंडी परिसर अव्यवस्थाओं का अड्डा बन गया है। जहां किसान पूरे दिन तपती दोपहरी में गेंहू को तौलवाने के लिए जद्दोजहद करता है। वहीं किसान एक घूंट पानी के लिए भी तरस जाता है। इसका कारण यह है कि मंडी परिसर का पानी टंकी कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है।
सीएम के निर्देशों की उड़ा रहे हैं धज्जियां
मंडी परिसर के कर्मचारी और अधिकारी सीएम योगी के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिया था कि अगर किसानों की जगह बिचौलियों का गेंहू खरीदा मंडी परिसर पर कार्रवाई की जाएगी। मंडी परिसर की इस प्रकार की दुर्व्यवस्था से किसान बहुत ही आहत दिखाई दे रहे हैं।