हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पिंक’ ने न सिर्फ महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को उठाया है बल्कि ये भी दिखाने की कोशिश की है कि कितनी हि ऐसी महिलायें हैं जिन्हें उन कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में नहीं पता जो उन्ही की मदद के लिए बनी हैं| फिल्म में FIR के अंतर्गत महिलाओं को हो रही समस्याओं को भी उजागर करने की कोशिश की गई है और ‘जीरो एफआईआर’ प्रणाली पर प्रकाश डाला गया है|
FIR के लिए कानून में जल्द ही कुछ बदलाव किए जाएंगे
- इस फिल्म में वकील का किरदार निभा रहे महानायक अमिताभ बच्चन का कहना है की
- इस फिल्म को देखने के बाद बहुत से मंत्रियों ने इस बात की उम्मीद दिलाई है ।
- की आने वाले वक़्त में महिलाओं के लिए एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को
- और भी बेहतर एवं आसान बनाने के लिए कानून में जल्द ही कुछ बदलाव किए जाएंगे ।
फिल्म से कहीं ज्यादा एक अभियान है ‘पिंक’
- महानायक अमिताभ बच्चन ने बताया की काफी कम फिल्मों में ही लोगों की मानसिकता को बदलने की क्षमता होती है
- ‘पिंक’ उनमें से एक है ।
- ‘पिंक’ फिल्म से ज्यादा एक अभियान है ।
- और जिस प्रकार का प्रभाव इसने निजी तौर पर लोगों पर डाला है, विशेषकर महिलाओं पर में उससे काफी खुश हूं.”।
- देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों के कम होने की संभावना के बारे में पूछने पर अमिताभ ने कहा,
- ‘मेरा मानना है कि शिक्षा, कानून, नैतिक और सामाजिक क्षेत्र में
- बदलाव की प्रक्रिया में सचेत प्रयास से परिणाम देखने को मिल सकते हैं ।
- माता-पिता के संस्कार और युवाओं में कुछ मूल्यों का होना काफी जरूरी है’ ।
- बच्चन ने कहा ‘बेटों को भी इस संबंध में शिक्षित करना बेहद जरूरी है ।’
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