देश की आजादी को वर्षों बीत गए लेकिन गाहे-बगाहे जिन्‍ना का जिन जाग जाता है। पहले इस पर उस वक्‍त बवाल हुआ था जब भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी ने पाकिस्‍तान जाकर जिन्‍ना की मजार पर फूल चढ़ाए थे। अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दशकों से लगी जिन्‍ना की तस्‍वीर पर बवाल मचा है। आलम ये है कि इस बवाल पर काबू पाने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी और इंटरनेट सेवा बंद कर देनी पड़ी। लेकिन जिन्‍ना के ऊपर शुरू हुआ बवाल अब तक ठंडा नहीं पड़ा है। इस मामले पर अब समाजवादी पार्टी के कद्दावर विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भी अपना बयान दिया है।

जिन्ना की तस्वीर को लेकर है विवाद :

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाये जाने को लेकर विवाद हो रहा है। इसकी शुरुआत अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने AMU के कुलपति तारिक मंसूर पत्र में दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताते हुए की थी। इस पर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव करते हुए कहा था कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। इस मामले ने तब सबसे ज्यादा तूल पकड़ा जब योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को देश की आजादी में योगदान देने वाला महापुरुष करार दिया था। उसके बाद से इस मुद्दे को लेकर देश भर में नयी बहस छिड़ गयी है।

 

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क्या बोले शिवपाल सिंह यादव :

जिन्ना की तस्वीर को लेकर हो रहे विवाद पर समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि इस देश का राष्ट्रवाद इतना कमजोर नहीं है कि सिर्फ एक फोटो से खतरे में आ जाये। उन्होंने कहा कि इन दिनों तमाम विश्वविद्यालयों को विवादों का केंद्र बनाया जा रहा है। तर्क, सहिष्णुता, संवाद और असहमति के साथ सहअस्तित्व की हमारी महान संस्कृति के लिए यह संकट का दौर है। स्वामी प्रसाद मौर्या पर उन्होंने कहा कि ये पार्टी का अतिरिक्त मामला है। इस पर अलग से बात करेंगे।

 

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