जिन मेमू ट्रेनों को रेलवे ने छह महीने पहले ही निरस्त कर दिया है, वह अब भी उसके सिस्टम पर दौड़ रही हैं। रोजाना दर्जनों यात्री रेलवे की वेबसाइट पर दौड़ रहीं ट्रेनों को पकडऩे चारबाग स्टेशन पहुंच रहे हैं। स्टेशन पहुंचने पर यात्रियों को पता चलता है कि ट्रेन निरस्त है। दरअसल, रेलवे ने एक दिसंबर 2017 से कोहरे के नाम पर करीब 40 ट्रेनों को निरस्त कर दिया था। इसमें लखनऊ, कानपुर के बीच चलने वाली 64210, 64212, 64205 और 64207 मेमू ट्रेनें भी शामिल हैं, लेकिन सेंटर फॉर रेलवे इंफारमेशन सिस्टम (क्रिस) ने 64212 और 64210 कानपुर, लखनऊ मेमू ट्रेन के निरस्तीकरण की फीडिंग ही नहीं की है। 64212 मेमू कानपुर से रोज दोपहर 2:05 बजे रवाना होकर 3:45 बजे लखनऊ आने का समय सिस्टम पर दिखाया जा रहा है। वहीं 64210 मेमू के सुबह 11:55 बजे कानपुर से रवाना होकर दोपहर 1:35 बजे लखनऊ आने का समय यात्रियों को रेलवे की वेबसाइट बता रही है। फिलहाल यह दोनों ही ट्रेनें अगले आदेश तक निरस्त हैं।
लखनऊ में ट्रेन खड़ी, सिस्टम पर दौड़ी
ट्रेनों की लेट लतीफी से किरकिरी झेल रहा रेलवे अब गलत फीडिंग कर अपनी छवि को सुधारने में लग गया है। लखनऊ के प्लेटफार्म पर जो ट्रेन पौने दो घंटे तक खड़ी रही, वह रेलवे के नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम पर दौड़ पड़ी। मामला सामने आने पर हरदोई में ट्रेन को अचानक लेट दिखा दिया गया। ट्रेन नंबर 12231 लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस का लखनऊ के प्लेटफार्म नंबर दो से रवाना होने का समय रात 10:30 बजे का है। यह ट्रेन 11 मई की रात 12:15 बजे रवाना हो सकी थी। इधर, यात्री ट्रेन के चारबाग स्टेशन पर पौने दो घंटे तक खड़े होने से बेहाल होते रहे। दूसरी ओर रेलवे के नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम ने इस ट्रेन को सही समय पर रवाना कर दिया। आलमनगर के बाद मुरादाबाद रेल मंडल आता है। लिहाजा जब ट्रेन हरदोई पहुंची तो मुरादाबाद मंडल ने गलती को सुधारने के लिए ट्रेन को हरदोई में 1:35 घंटे देर से आने की स्थिति फीड कर दी। यह अक्सर होता है, जब ट्रेन लखनऊ या आलमनगर स्टेशन पर खड़ी रहती है और रेलवे उनकी गलत फीडिंग कर देता है।
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