भीम आर्मी जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया की हत्या नहीं बल्कि तमंचा चेक करते समय उसके हाथ से ही गोली चल गई थी। मौत की गुत्थी सातवें दिन पुलिस ने सुलझा ली। मौत के लिए जिम्मेदार सहारनपुर के रामनगर का ही प्रवीण उर्फ मांडा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। घटना के समय सचिन के अलावा कमरे में छह युवक और मौजूद थे। जिसमें एक फरार है, अन्यों से पूछताछ चल रही है। प्रवीण की निशानदेही पर तमंचा-खोखा भी बरामद कर लिया गया है।
गोली लगने से हुई थी मौत
डीआईजी शरद सचान ने बताया कि नौ मई को सचिन वालिया की गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे थे। कुछ ऑडियो भी वायरल हुए थे, जिससे घटना का राजफाश हो गया। प्रवीण ने घटना में प्रयुक्त तमंचा व खोखा भी निहाल के घर (जहां सचिन को गोली लगी थी) से बरामद करा दिया। बताया कि घटना के समय रामनगर में निहाल के मकान में मुख्य आरोपित प्रवीण, सचिन वालिया, गुल्लू, राहुल, शिवम, चैंकी तथा नितिन मौजूद थे। सभी दो तमंचों में कारतूस डालकर चेक कर रहे थे।
अचानक ट्रिगर दब गया था ट्रिगर
तमंचा जब प्रवीण के हाथ में आया तो अचानक ट्रिगर दब गया। गोली सामने बैठे सचिन के होंठ पर लगकर अंदर घुस गई। खून से लथपथ सचिन वहीं गिर पड़ा। जेल जाने से पहले प्रवीण ने मीडिया को बताया कि नौ मई को सचिन ने ही फोन कर उसे निहाल के घर बुलाया था। गोली लगने के बाद सचिन को पहले पास के एक डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर को बताया कि सचिन छत से गिर गया है। डाक्टर ने हाथ खड़े कर दिए तो उसने कमल वालिया को फोन पर बताया कि सचिन को गोली लग गई है।