कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अपनी जीत दर्ज करवाने के लिए भाजपा ने अपना पूरा जोर लगा दिया. आज कर्नाटक में भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ भी ले ली. अब कर्नाटक का मसला हल होने के साथ भाजपा उत्तर प्रदेश की ओर रुख करने वाली है. उत्तर प्रदेश 2019 आम चुनावों में भाजपा के दोबारा केंद्र में काबिज होने का एक जरिया है. जिसे दुरुस्त करना केंद्र के लिए फायदेमंद साबित होगा.
यूपी 2019 चुनावों में जीत का जरिया:
कर्नाटक का मसला हल होने के बाद यूपी में मिशन-2019 सफल बनाने के लिए भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व अपनी पूरी ताकत झोंक देगा। उत्तर प्रदेश की राजनीति को हमेशा से महत्वपूर्ण माना जाता रहा हैं. गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत में उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आगामी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने रूप रेखा तैयार कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा केंद्र की सत्ता पर जीत दर्ज करवाने के लिए और उनके पक्ष में माहौल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय और भाजपा के आला मंत्रियों के दौरे बढ़ा दिए जायेंगे.
पीएम मोदी-शाह के होंगे दौरे:
खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूपी में हर महीने किसी न किसी बहाने से बुलाने की योजना तैयार की जा रही है. वहीँ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी यूपी का मन टटोले और प्रदेश भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार आते रहेंगे. अमित शाह इस दौरान राज्य में लंबे प्रवास पर रहेंगे।
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से कर सकते है. गौरतलब है कि वाराणसी में बीते दिन फ्लाईओवर का एक भाग गिर जाने से बड़ा हादसा हो गया था. पीएम मोदी के फ्लाईओवर हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों से मिलने आने की भी आशंका है. पीएम जल्द ही वाराणसी आ सकते हैं.
नूरपुर- कैराना पर भी नज़रें:
इसके अलावा केन्द्रीय नेतृत्व की नजरे हाल में होने वाले कैराना और नूरपुर उपचुनावों पर भी हैं. भाजपा किसी भी चुनाव को हारना नही चाहती और हर चुनाव की जीत से पीएम मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की पुरजोर कोशिश करने वाली हैं. इसके लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने राज्य सरकार को भी हिदायत दे रखी है.
सभी 80 सीटों पर जीतने की कवायद में जुटी भाजपा:
भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व इस बार राज्य की सभी 80 सीटें जीतने की प्लानिंग में जुटा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में अखिलेश यादव की गवर्नमेंट होने के बावजूद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसी प्लानिंग की थी कि उनकी पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पर इस बार भाजपा का लक्ष्य सभी 80 पर जीत दर्ज करवाना है. इसके लिए भाजपा गवाई हुई 7 सीटों को भी भेदने की भी फिराक में रहेगी.
भाजपा इसके लिए भी पिछली बार की तरह रणनीति तैयार कर रही है. मोदी- शाह इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत जल्द यूपी में नजर आने वाले हैं.