ऑनलाइन डेटिंग सर्विस और एप का प्रचालन युवाओं में बहुत तेज़ी से बढ़ने लगा है | खास कर के मेट्रोसिटीज में इसका प्रयोग सब से ज्यादा देखने को मिलता है | ऑनलाइन डेटिंग सर्विस और एप प्रयोग करने वाले भारतीय लड़के-लड़कियां इन प्लेटफार्म पर सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं | क्योंकि ऐसे प्लेटफार्म के चलते साइबर अपराध की संख्या में भी तेज़ी से इजाफा हुआ है | एक्सपर्ट्स की माने तो ऑनलाइन डेटिंग सर्विस और एप साइबर अपराधियों का सबसे पसंदीदा ठिकाना होती हैं |
सॉफ्टवेयर सुरक्षा कंपनी नॉर्टन बाई सिमेंटेक द्वारा किया गया अध्ययन
ऑनलाइन डेटिंग सर्विस और एप पर वैश्विक सॉफ्टवेयर सुरक्षा कंपनी नॉर्टन बाई सिमेंटेक द्वारा किया गया | अध्ययन में जो बात सामने आई है वो ये है
- भारत में करीब 38 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि वे ऑनलाइन डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करते हैं.
- पर वास्तविकता ये है कि भारत में केवल 6 प्रतिशत महिलाएं और 13 प्रतिशत पुरुष
- अपने मोबाइल फोन में डेटिंग एप्स रखते हैं
- नॉर्टन द्वारा किये गए एक मोबाइल सर्वेक्षण में ये बात निकल कर सामने आई है
- जिन लोग को मोबाइल में डेटिंग एप का प्रयोग करते समय समस्याओं का सामन करना पड़ा है
- उनमे महिलाओं का प्रतिशन पुरुषों के मुकाबले कही अधिक है
- नॉर्टन के अनुसार 64 प्रतिशत महिलाओं को मोबाइल में डेटिंग एप से समस्याओं का सामन करना पड़ा है
- जब की पुरुषों में मात्र 57 प्रतिशत पुरुषों ने सुरक्षा संबंधी परेशानियों का सामना किया है|
- नॉर्टन बाई सिमेंटेक इंडिया के कंट्री मैनेजर रितेश चोपड़ा ने कहते है
- हालांकि ये एप अपनी वास्तविक पहचान छुपाते हुए ऑनलाइन डेटिंग का दावा करते हैं
- लेकिन इन पर आपकी पहचान छिपी नहीं रहती
- आप किसी न किसी समस्या का शिकार हो ही जाते हैं|
- रितेश ने बताया की 23 प्रतिशत लोग वायरस/मॉलवेयर
- 13 प्रतिशत ने बेकार के विज्ञापनों,
- नौ प्रतिशत ने धोखे से प्रीमियम सेवा के भुगतान कर देने और साइबर दुनिया में पीछा किए जाने,
- तथा चार प्रतिशत महिलाओं ने बदला लेने के पोर्न का इस्तेमाल होने की जानकारी है|
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