राजधानी में चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अस्पताल तक सुरक्षित नहीं हैं। यहां तक कि लोहिया अस्पताल में वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक सुरक्षित नहीं हैं। यहां सुबह 25 वर्षीय युवक ने हाईडिपेंडेंसी यूनिट से लेकर आईसीयू तक रेकी की। कुछ देर बाद वापस आकर मरीज की नब्ज देखी और बेड के साइड में लगा कार्डियक मॉनीटर बैग में रखकर भाग गया। मामले की शिकायत पुलिस से की गई है। इस संबंध में थाना प्रभारी विभूतिखंड बृजेश राय ने बताया कि मामला मेरी जानकारी में आया है। लोहिया अस्पताल के अधिकारी अभी इंटरनल जांच कर रहे है। थाने में किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं दी गई है।
सुबह तड़के चोरी की घटना से हड़कंप
जानकारी के मुताबिक, सुबह साढ़े छह बजे का वक्त था। नर्स से लेकर वार्ड ब्वॉय, गार्ड तक इमरजेंसी में मौजूद थे। वहीं मॉस्क लगाकर एक 25 वर्षीय युवक इमरजेंसी के हाईडिपेंडेंसी यूनिट में दाखिल हुआ। पूरा जायजा लेकर बगल के ही वेंटीलेटर यूनिट (आईसीयू) में गया। पूरी रेकी करने के बाद वापस चला गया। करीब सात बजे के करीब फिर वह हाईडिपेंडेंसी यूनिट में आया। उसने बेड नंबर 30 पर भर्ती मरीज के परिजनों से हालचाल पूछा। साथ ही मरीज की नब्ज पकड़कर देखने का नाटक किया।
इसके बाद मरीज को लगे कार्डियक मॉनीटर को खराब बताया। उसने मरीज के पल्स रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन, ईसीजी टेसिंग व ब्लड प्रेशर की पैरामीटर मापने संबंधी लीड हटा दीं। साथ ही झोले में रखकर नया मॉनीटर लगाने की बात कहकर गायब हो गया। वहीं जब मरीज के बेड से मॉनीटर गायब मिला तो स्टाफ के होश उड़ गए। अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने विभूति खंड पुलिस से शिकायत की। पुलिस के पहुंचने पर सीसीटीवी में मॉस्क लगाए युवक मॉनीटर की चोरी करता दिखा और वह एप्रेन भी पहन रखा था। हालांकि उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
सीसीटीवी फुटेज से होगी आरोपी की पहचान
लोहिया अस्पताल के सीसीटीवी में इमरजेंसी तक के फुटेज आए हैं। वहीं युवक चोरी कर लोहिया इंस्टीट्यूट की तरफ भागा। ऐसे में पुलिस अब लोहिया इंस्टीट्यूट के सीसीटीवी फुटेज भी खंगालेगी। अस्पताल में बाहरी व्यक्ति आकर मरीज की नब्ज पकड़कर देखता है। वहीं मरीज के लगा कार्डियक मॉनीटर अचानक चोरी कर लिया जाता है। यह सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है। कारण, इमरजेंसी में मौजूद स्टाफ ने आखिर यूनिट में भर्ती मरीज का अनजान व्यक्ति से चेकअप कैसे करने दिया। वहीं मॉनीटर चोरी हो गया, जबकि वार्ड ब्वॉय, स्वीपर व गेट पर तैनात गार्डो को भनक तक नहीं लगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने कहा कि मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से पूछताछ की जाएगी। घटना में अस्पताल के स्टाफ की मिलीभगत को लेकर आशंका की जा रही है। अफसरों का कहना है कि बिना अस्पताल के स्टाफ की मदद से ऐसी घटना को अंजाम देना संभव नहीं है। वहीं, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएल भार्गव ने बताया कि घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है, मगर मॉस्क लगा होने से चोर की पहचान नहीं की जा सकी। पुलिस को फुटेज सौंप दी गई है।