2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में भी लोकसभा चुनावों के पहले सियासी जमीन तैयार होना शुरू हो गयी है। इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के विधानसभा चुनावों में अपनी पूर्ण बहुमत की सत्ता गंवाने के बाद भाजपा के विजय रथ को लोकसभा चुनावों में रोकने का निर्णय लिया है। इसके लिए अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमों मायावती से दशकों पुरानी दुश्मनी भुलाते हुए चुनावी गठबंधन किया है। इसके अलावा अखिलेश यादव जल्द ही अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं।

युवाओं को बाँटेंगे लैपटॉप :

दशकों से एक दूसरे की धुर विरोधी रही सपा और बसपा ने भाजपा को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए हाथ मिला लिया है। इसके साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनता के बीच अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही अखिलेश यादव ने चुनाव अभियान भी शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत अखिलेश यादव बोर्ड परीक्षा के टॉपर को लैपटॉप देने से करने जा रहे हैं। हालाँकि लैपटॉप वितरण तो हर जिले में होगा लेकिन कानपुर, बाराबंकी और सीतापुर में खुद अखिलेश यादव जाकर अपने हाथों से युवाओं को लैपटॉप देंगे। इसमें सबसे पहले आयोजन कानपुर में होने जा रहा है।

 

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कानपुर का है ख़ास महत्व :

उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के बीच कानपुर को खास तवज्जो दिये जाने पर कानपुर के आर्यनगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी का कहना है कि सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं, सभी दल अपने लिए कानपुर को लकी मानते हैं। अपने आप में इस शहर का राजनीतिक महत्व भी बहुत है। बड़े अभियान और आंदोलन की शुरुआत भी यहीं से की जाती है। अखिलेश यादव ने 2009 में साइकिल यात्रा की शुरुआत भी कानपुर से की थी। अखिलेश के कानपुर आगमन पर महानगर सपा अध्यक्ष अब्दुल मुईन खां ने बताया कि तारीख तय नहीं हुई है, जैसे संदेश मिलेगा, हम लोग तैयारियां शुरू कर देंगे।

 

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