प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति स्थापित की जा सकती है। बताया जा रहा है कि स्थापित की जा रही यह मूर्ति सबसे ऊंची है। पंडित दीनदयाल के नाम से स्मारक बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इस मूर्ति को वाराणसी के पड़ाव चौक पर 60 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
एक साल के भीतर स्थापित कर ली जाएगी मूर्ति
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि वाराणसी में लगाई जा रही मूर्ति प्रदेश के सभी जिलों में दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति स्थापित करने की योजना का ही हिस्सा है। प्रदेश के संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि श्मेरा विभाग के द्वारा ही वाराणसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लिए एक स्मारक बनाया जा रहा है। कांस्य प्रतिमा एक साल के अंदर ही स्थापित कर ली जाएगी। कहा कि उपाध्याय वाराणसी के पास मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। ये शहर उनकी मृत्यु की जगह है, इसलिए हम इस मूर्ति को स्थापित किया जा रहा है।
100 फीट की होगी कुल ऊंचाई
बता दें कि प0 दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति की कुल ऊंचाई 100 फीट है। जिसमें करीब 40 फीट ऊंचे चबूतरे पर मूर्ति रखी जाएगी। वाराणसी में सबसे ऊंची मूर्ति होगी और आसानी से देखी जा सकेगी। मूर्ति को स्टील और लोहे द्वारा तैयार किया जाएगा, ताकि हवा के दवाब से इस पर कोई असर न हो। चौधरी ने कहा कि हम जल्द 6 महीने के भीतर ही पूरा करने के लिए प्रतिष्ठित कलाकारों को नियुक्त करेंगे। मूर्ति के पास ही एक स्मारक बनाया जाएगा। जिससे उनके आदर्शों और सिद्धांतों को आसानी से लोग समझ सकें।
कई जिलों में किया जा चुका है मूर्ति की स्थापना
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई जिले में अब तक 10 से 15 फीट की मूर्ति स्थापित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में मूर्ति का अनावरण किया गया था। वहीं इस वर्ष के प्रारंभ में लखनऊ, बलिया और मथुरा में ऐसी ही मूर्ति का अनावरण किया जा चुका है। रामपुर में ऐसी ही एक मूर्ति की स्थापना पर विवाद शुरू हो गया और स्थानीय विधायक व सपा नेता आजम खान ने इस पर सवाल उठाया।