कल सुबह शामली जिले के कैराना लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान होने हैं. वहीँ इस चुनाव में 13 प्रत्याशी मैदान में हैं और आज दोपहर तक सभी अपना अपना दल-बल दिखा चुके हैं. भले ही मुख्य मुकाबला दो प्रत्याशियों भाजपा की मृगांका सिंह व राष्ट्रीय लोकदल की तबस्सुम हसन के बीच माना जा रहा हो, लेकिन कल के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मृगांका सिंह के खिलाफ सम्पूर्ण विपक्ष के एक होने के बाद भी अभी तक मतदाता का मिजाज स्पष्ट नहीं हो पा रहा है.
सुबह सात बजे से होगा मतदान:
कैराना लोकसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है. जहाँ कैराना लोकसभा में 16.09 लाख मतदाता हैं, वहीँ नूरपूर असेम्बली में 3.06 लाख हैं. बता दें कि निष्पक्ष,शांति पूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 6 आब्जर्वर, 2596 वीवी पैट मशीनें, 53 कंपनी पैरामिलिट्री और 10 कंपनी पीएसी तैनात किये हैं। बता दें कि निष्पक्ष,शांति पूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 6 आब्जर्वर, 2596 वीवी पैट मशीनें, 53 कंपनी पैरामिलिट्री और 10 कंपनी पीएसी तैनात किये हैं।
कैराना में कल सुबह सात बजे से मतदान होगा। इस चुनाव में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं और अब तक चुनावी तस्वीर कुछ हद तक साफ़ नहीं नजर आ रही है. नामांकन जाँच और नाम वापसी के बाद 14 उम्मीदवार थे जिसमे परिवार के लिए लोकदल प्रत्याशी कंवर हसन के नाम वापसी के बाद 13 धुरंधर उपचुनाव में भागीदारी कर रहे हैं. सपा और आरएलडी गठबंधन का मुकाबला बीजेपी से है.
मतदाताओं का मिजाज स्पष्ट नहीं:
आपको बता दें कि शामली में कैराना के लोकसभा उपचुनाव में जीत के लिए को भाजपा के खिलाफ महागठबंधन ने अपनि पूरी ताकत लगा दी है। वहीँ इस बार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कैराना आने की जहमत नहीं उठाई। चुनाव का सारा दारोमदार राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह तथा उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के बूते ही छोड़ दिया। समाजवादी पार्टी ने मतदान की तारीख घोषित होने के बाद से ही अपने स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन आयोग को भेज दी थी, लेकिन उसमें से एक चौथाई भी प्रचार में नहीं उतरे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शामली में मृगांका सिंह के पक्ष में अपनी सभा के दौरान चुनाव को ध्रुवीकरण के मोड़ पर लाने का प्रयास जरूर किया। सभी दलों के करीब 15 हजार कार्यकर्ता और नेताओं ने चुनाव प्रचार में गर्माहट पैदा कर रखी है। इसके बाद भी दोनों दल के लोग अभी तक मतदाताओं का मिजाज परखने में नाकाम रहे हैं। इसके चलते भाजपा के दिग्गज इस बार जीत का दावा करने में सकुचा रहे हैं। इस सवाल का जवाब महागठबंधन के नेताओं के पास भी नहीं है।
आपको बता दें कि फूलपुर व गोरखपुर में झटका खाने के बाद भाजपा कैराना की जीत से मिशन-2019 का संदेश देना चाहती है। वहीँ यहां संघ के रणनीतिकारों के अलावा भाजपा के मौजूदा-पूर्व पदाधिकारी, मंत्री, सांसद, विधायक, नेता कैराना में डेरा डाले हैं। ओबीसी के अलावा ब्राह्मण, वैश्य, गुर्जर, राजपूत वोट बैंक को लेकर भाजपा आशान्वित नजर आ रही है। इससे इतर भाजपा दलित-जाट मतदाताओं को अपना बनाए रखने के लिए दंगा, पलायन और विकास के मुद्दों को उछाल रही है। भाजपा के रणनीतिकारों को मतदान के दिन ध्रुवीकरण की आस है।
महागठबंधन ने कैराना में बड़ा प्रयोग करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन व बहुजन समाज पार्टी की सांसद रहीं उनकी मां तबस्सुम बेगम को राष्ट्रीय लोकदल सिंबल पर चुनाव में उतारा गया है। वहीँ 2014 व 2017 में अपना सब कुछ गवां चुके रालोद सुप्रीमो यहां अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। अजित सिंह व जयंत चौधरी अस्तित्व बचाने की मनुहार भी अपने वोटरों से कर रहे हैं।
कभी वातानुकूलित कमरे से ही अपना पूरा चुनाव लडऩे वाले छोटे चौधरी कैराना क्षेत्र के गांव-मोहल्लों में हर दरवाजा खटखटा रहे हैं। दंगे के दौरान भाजपा की भूमिका और फिलवक्त अजित सिंह की मनुहार को लेकर जाट मतदाता कशमकश में है। इस मद्दे पर खाप भी भाजपा व रालोद के बीच बंटती नजर आ रही हैं। बीते चुनाव में जाटों की एकमुश्त वोट हासिल करने वाली भाजपा बदले समीकरण से फिक्रमंद है। सपा केवल मुस्लिम मतदाताओं, बसपा दलित व रालोद जाट क्षेत्रों को टारगेट कर प्रचार कर रही हैं।
दोपहर बाद थमा चुनाव प्रचार:
कैराना लोकसभा उपचुनाव के लिए चल रहा चुनाव प्रचार का शोरगुल कल शाम पांच बजे थम गया। कल के साथ आज दोपहर में भी प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थक भी वोट मांगते दिखे। प्रत्याशियों ने घर-घर पहुंचकर वोटरों को अपने पक्ष में करने का काम तेज कर दिया है। अंतिम दिन भाजपा व गठबंधन के के दिग्गजों ने ताकत झोंकी तो वहीं प्रेसवार्ताओं के माध्यम से भी अपनी-अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए बाहर से जिले में पहुंचे दिग्गज करते रहे।
पुलिस लाइन में डीएम एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के दिन सीमा पूरी तरह से सील रखी जाएंगी। साथ ही, सीमा के आठ किमी के दायरे में पडऩे वाली शराब की सभी दुकानें भी बंद रहेंगी। विधानसभा क्षेत्रों में 459 मतदान केंद्र तथा 941 मतदेय स्थल बनाए गए है। उन्होंने बताया कि सभी मतदेय स्थलों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
मतदान केंद्र पर बिजली पानी शौचालय फर्नीचर शेड शामियाने तथा दिब्यांगजनों को रैम्प और व्हीलचेयर की व्यवस्था के साथ ही चिकित्सा सुविधा के लिए मोबाईल वैन तथा प्राईमरी व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की समुचित व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिये गये है। 4705 मतदान कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इनके अलाया 95 रिजर्व मतदान कर्मचारी नियुक्त किये गये है। 90 सेक्टर मजिस्ट्रेट नौ जोनल मजिस्टेऊट तीन सुपर जोनल मजिस्ट्रेट नियुक्त हुए है। मौके पर एसपी देव रंजन, अपर जिलाधिकारी केबी सिंह, एसपी श्लोक कुमार आदि मौजूद रहे। प्रशासन भी शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। आज पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्र की ओर रवाना हो गई है।
कैराना उपचुनाव के 13 प्रत्याशी:
1.मृगांका सिंह- भाजपा
2. तबस्सुम हसन-रालोद
3. प्रीति कश्यप- जय हिंद, जय भारत पार्टी
4. इंद्रजीत – बहुजन मुक्ति पार्टी
5- संजीव- सर्वजन समता पार्टी
6. राकेश कुमार- भारतीय वंचित समाज पार्टी
7. रणधीर सिंह दुहन- निर्दलीय
8. रङ्क्षवद्र कुमार -निर्दलीय
9. ब्रजपाल सिंह राठी- निर्दलीय
10. नाहिद हसन- निर्दलीय
11. मो. सलीम- निर्दलीय
12. सेठपाल- निर्दलीय