2019 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में मोदी लहर को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है। दोनों ही पार्टियां कह रही है कि उनका ये गठबंधन लोकसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा। बसपा सुप्रीमों मायावती ने गठबंधन पर मोहर लगाते हुए कहा था कि दोनों पार्टियों का अलाइंस हो चुका है केवल सीटों का बंटवारा बाकी है जिसके बाद इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। अब सूत्रों के मुताबिक, बसपा सुप्रीमों मायावती यूपी की 80 सीटों में ज्यादतर पर बसपा के चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
उपचुनाव में जीत से खुश है विपक्ष :
कैराना की लोकसभा और नूरपुर की विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में जीत से समाजवादी पार्टी सहित पूरा विपक्ष ख़ुशी मना रहा है। जश्न मनाने के साथ ही इस महागठबंधन के नेता भाजपा पर करारा हमला कर रहे हैं लेकिन अब तक इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती कई तरफ से कोई प्रतिक्रया नहीं आयी है। सपा और बसपा का गठबंधन हो चुका है, इसका खुलासा स्वयं मायावती ने कर्नाटक के विधानसभा चुनावों के दौरान एक रैली में किया था। मायावती ने उस दौरान कहा था कि सपा और बसपा का गठबंधन हो चुका है, सिर्फ सीटों के बंटवारे के बाद औपचारिक ऐलान होना बाकी रह गया है। ऐसे में बसपा सुप्रीमों मायावती की खामोशी एक अलग तरफ इशारा कर रही है।
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40 सीटों पर लड़ सकती है सपा :
एक प्रतिष्ठित अखबार में छपी खबर के अनुसार, बसपा सुप्रीमों मायावती की इस खामोशी के पीछे एक ख़ास सन्देश छिपा हुआ है। मायावती अपने खामोशी के जरिये महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीट लेने का संकेत दे रही हैं। खबर के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों में होने वाले महागठबंधन में बसपा सुप्रीमों मायावती उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 40 की मांग कर सकती हैं। बीते दिनों उन्होंने पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा भी था कि अगर गठबंधन में सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो बसपा को अकेले चुनाव लड़ने से कोई समस्या नहीं है। वहीँ मायावती के इस बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादी हमेशा सम्मान देने में सबसे आगे रहते हैं।