एक ओर जहाँ पूरी दुनिया में आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, योगी सरकार वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रही है वहीं दूसरी ओर राजधानी के बख्शी का तालाब (बीकेटी) इलाके में वन विभाग एवं पुलिस विभाग के जिम्मेदार लोग अनैतिक ढंग से धन कमाने के चक्कर में हरे पेड़ो का आरा चलवा रहे हैं, जिम्मेदार कटान करवाने में किसी भी तरह का खौफ नहीं महसूस कर रहे हैं। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटान पर अंकुश नहीं लग पा रहा है, हरे व फलदार पेड़ों पर सरेआम आरी चलाई जा रही है।
हरियाली हजम- जमकर काटिये वन, साक्ष्य व सुबूत खत्म
पर्यावरण संरक्षण के लिए वन संरक्षण के प्रति जागरूकता अभियान चलाने वाला वन विभाग अवैध कटान रोकने का हमेशा दावा करता है। वन विभाग के दावे की सच्चाई क्या है, जब हमारे संवाददाता ने मौके पर जाकर इसकी पड़ताल की तो जो नजारा सामने आया उसको देखकर सन्न रह गए। जिले के बीकेटी के ग्राम पंचायत अस्ती में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बख्शी का तालाब फल पट्टी क्षेत्र अंतर्गत हरे पेड़ लगाना तो दूर कटान माफिया गूलर, जामुन, शीशम सहित महुआ के पेड़ काटने पर तुले हुए हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि रात में कटे पेड़ों के बोटे ट्राली पर लाद कर मौके से हटा दिए जाते हैं। पेड़ के बूटों को पुआल जलाकर नष्ट कर मिट्टी डालकर ढंक दिया जाता है और हरे पत्तों को बांस की कोठ में डाल दिया जाता है।
सिर्फ फर्ज अदायगी के लिए काटी जा रही रसीदें
वन विभाग वन माफियाओं के खिलाफ को ठोस कार्रवाई करने के बजाए मात्र कुछ रुपये का जुर्माना लगाकर फर्ज अदायगी कर रहा है। मामूली जुर्माने की रकम जमाकर वन माफिया काटे गए पेड़ की कीमती लकड़ियों को उठा ले जाते हैं। जुर्माना जमा करने व परमिट लेने के नाम पर वन विभाग वन माफियाओं को खुद ही संरक्षण दे रहा है। अवैध कटान के इस खेल में पुलिस भी सहयोगी बनती है। वन विभाग एवं पुलिस की कार्य प्रणाली के कारण ही वन माफियाओं के हौसले बुलंद है और क्षेत्र में हरे पेड़ों के अवैध कटान का धंधा बदस्तूर जारी है।
पूरे विभाग में आ रही भ्रष्टाचार की बू
क्षेत्रवासियों ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रतिबंधित फलदार पेड़ों को काटने वालों पर कानूनी कार्रवाई कर कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। क्योंकि इलाके में फलदार पेड़ों की कटाई एवं सप्लाई धड़ल्ले से बेखौफ हो रहा है। संबंधित विभाग ठेकेदारों से मिलकर ठेकेदारों को संरक्षण दे रही है। इस हरकतों पर भ्रष्टाचार की बू आती है। समय रहते ध्यान ना दिया गया तो ठेकेदार मोटी कमाई के चक्कर में इलाके के भूमि को पेड़ विहीन कर देंगे।
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