परिवहन विभाग ने यातायात के नियमों को लेकर सख्त रुख इख्तियार किया हैं. इसके लिए परिवहन विभाग ने नियम तोड़ने पर जुर्माना बढाने की कवायद शुरू कर दी हैं. परिवहन विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। इसमें जुर्माने की जो नई दरें तय की गई हैं वे वर्तमान दर से तीन गुना अधिक हैं।
जुर्माना बढाने को लेकर शासन को भेजा प्रस्ताव:
सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में पहली बार हेलमेट, सीट बेल्ट न लगाने पर पांच सौ रुपये जुर्माना राशि लिये जाने की बात रखी गई है। वहीं दूसरी बार इसी अपराध में पकड़े जाने पर डेढ़ हजार रुपये की जुर्माना राशि का भुगतान करने का प्रताव रखा गया हैं.
बता दें कि पहले इन अपराधों में मात्र सौ रुपया का प्रशमन शुल्क देय था। इसके अलावा वाहनों में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप न लगे होने की दशा में जांच के दौरान ढाई हजार रुपया लिये जा सकने की पेश की गयी है, वहीं प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर ढाई हजार रुपया बतौर जुर्माना देना पड़ सकता हैं.
जरूरी हैं जुर्माना बढ़ाना:
परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि जुर्माना दरों को बढ़ाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अभी तक केंद्र से बढ़ी जुर्माना राशि वाली दरों को लेकर दिशा-निर्देश नहीं मिले है। यह प्रस्ताव अलग है। मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
जुर्माने की मामूली धनराशि के चलते लोगों को बार-बार समझाने और जागरूक करने के बाद भी यातायात नियमों का लोग गंभीरता से पालन नहीं करते हैं। नतीजा अक्सर लापरवाही लोगों पर भारी पड़ती है और दुर्घटनाएं होती हैं।
दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जुर्माना राशि को बढ़ाया जाना जरूरी है, जिससे लोगों में नियम पालन की प्रवृति बढ़े।
3 गुना बढ़ सकता है जुर्माना:
दूसरी बार में दोनों ही अपराधों में पांच हजार जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। पहले इन दोनों में ही एक हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित था। दूसरी बार में यह जुर्माना राशि बढ़कर पांच हजार हो जाएगी।
इसी तरह बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर जुर्माना राशि को आठ सौ से बढ़ाकर ढाई हजार किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। अव्यस्क व्यक्ति द्वारा गाड़ी चलाए जाने पर भी ढाई हजार रुपये जुर्माना लिये जाने का प्रस्ताव है।
अभी तक ट्रैफिक और परिवहन विभाग यातायात नियम तोडऩे के विभिन्न अपराधों में अलग-अलग जुर्माना राशि वसूलते हैं। यातायात पुलिस का प्रशमन शुल्क परिवहन विभाग से कई मामलों में ज्यादा है।
अब अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगी तो परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की जुर्माना राशि भी एक समान हो जाएगी।
लाइसेंस भी हो सकता हैं रद्द:
परिवहन अधिकारियों के मुताबिक मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने की दशा में चालक का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। बड़ा जुर्माना न होने की वजह से इसे लेकर भी निर्णय होगा। कई अन्य अपराधों में भी जुर्माने के प्रावधान की बात रखी गई है।