आगरा के आंबेडकर यूनिवर्सिटी में परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ बड़ी चूक सामने आई हैं, यहाँ छात्रों की मार्कशीट में तय नम्बरों से ज्यादा नम्बर मिले हैं. 50 अंकों की परीक्षा में 60 से ज्यादा अंक मिले हैं. इस तरह की लापरवाही के बाद छात्र अब मार्कशीट सही करवाने को लेकर परेशान हैं.
बीएससी में एक विषय में 50 में से 68 अंक:
ऑनलाइन रिज़ल्ट की फोटो वायरल होने पर यह खुलासा हुआ है। जहाँ एक ओर आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर विवि के कुलपति उपलब्धियों पर उपलब्धियां गिना रहे हैं, ऐसे में यह कारनामा उन उपलब्धियों की जमीनी हकीकत बताने को काफी है।
डॉ बी आर आंबेडकर विवि के कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित व्यवस्थाएं सुधारने में लगे हैं, वे इसका प्रचार भी खूब कर रहे हैं। ऐसे में विवि प्रशासन ने 2018 का रिजल्ट 15 जून तक घोषित करने का दावा किया था, लेकिन पूरा रिजल्ट घोषित नहीं हो सका है।
जो रिजल्ट घोषित किए गए हैं वे अधूरे हैं, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि 100 छात्रों ने कोई परीक्षा दी, उसमें से 30 छात्रों का रिजल्ट घोषित कर दिया गया।
आधे छात्रों का ही हुआ परिणाम जारी:
अभी भी 70 छात्रों का रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है। ये छात्र विवि में रिजल्ट के लिए परेशान हो रहे हैं। वही जिन छात्रों का रिजल्ट घोषित हो गया है, उनकी मार्कशीट इंटरनेट पर अपलोड करने के साथ जारी भी की जा रही हैं।
इन सब के साथ बीएससी प्रथम वर्ष की मार्कशीट में बडी गडबडी भी सामने आई है। अनिवार्य विषय फिजिकल एजूकेशन में छात्रों को पूर्णांक 50 में से 50 से ज्यादा अंक दे दिए गए हैं। किसी को 68 तो किसी को 67 अंक दे दिए हैं।
ऐसा तब हुआ है, जब मार्कशीट की गड़बड़ी खत्म करने का दावा किया जा रहा है. वहीं इसके लिए अलग से टीमें लगाई गई हैं और कई बार मार्कशीट की जांच भी कराई गई।
मार्कशीट में पूर्णांक से ज्यादा प्राप्तांक देने का मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। विवि के छात्र नेताओं ने सोशल मीडिया पर कुछ मार्कशीट अपलोड की हैं, इन मार्कशीट में 50 में से छात्रों को 67, 68 अंक दे दिए गए हैं।
इंसान से ही गलती होती है: विवि रजिस्ट्रार
मार्कशीट में गड़बड़ी देख छात्र परेशान हैं कि अब पूर्णांक से अधिक प्राप्तांक देने पर मार्कशीट में संशोधन करानेे के लिए विवि में भटकना पडेगा। बता दें कि विवि में ऐसी व्यवस्था नहीं है कि छात्रों की मार्कशीट में तुरंत संशोधन किया जा सके.
मार्कशीट में नियत मार्क्स से ज्यादा मार्क्स देने के मामले में विवि रजिस्ट्रार का बयान भी मामले से पल्ला झड़ने जैसा है. उन्होंने कहा कि ये मानवीय त्रुटि हैं, दूर कर ली जायेगी। काम इंसान ही करते हैं, मशीन नहीं। इंसान के काम में गलती होना संभव है।
उन्होंने बताया कि समय से सभी रिजल्ट घोषित किये गए है. वही प्रैक्टिकल परीक्षाओं के मार्क्स के बिना पूर्ण रिजल्ट घोषित करने के मामले में बताया कि जब तक प्रक्टिकल मार्क्स नहीं मिल जाते तब तक विवि सभी रिजल्ट पूर्ण रूप से घोषित करने में अक्षम है।