यूपी में कांग्रेस को जीत की घुट्टी पिलाने के लिए प्रशांत किशोर बिहार का फॉर्म्यूला ही अपनाएंगे। पिछले चुनावों के नतीजे, कांग्रेस की स्थिति, क्षेत्र में कांग्रेस की कमियों के बारे में पूछा गया है। टीम प्रशांत के एक करीबी बताते हैं कि बिहार चुनाव के दौरान भी काम शुरू करने से पहले प्रशांत ने ऐसा ही किया था। हालांकि सूत्रों ने बताया कि अभी तो ये सर्वे की शुरुआत है। आगे अभी इस तरह के और भी फॉर्म दिए जाएंगे और लोअर लेवल पर स्टेटस रिपोर्ट ली जाएगी।
प्रशांत किशोर ने कमर कसनी शुरू की:
- प्रशांत किशोर बिहार की तर्ज़ पर ही करेंगे यूपी में चुनावी समर।
- सभी जिला और शहर अध्यक्षों को 16 पन्ने का फॉर्म बांटा।
- पार्टी के लोअर लेवल की अच्छाई और बुराई के लिए मांगी जानकारी।
- बिहार चुनाव के दौरान भी काम शुरू करने से पहले प्रशांत ने ऐसा ही किया था।
- बूथ लेवल तक करेंगे सीधे तौर पर चुनाव का प्रबन्धन।
- 31 मार्च तक मांगे कम से कम 20 सक्रीय सदस्यों के नाम।
- यही रणनीति बिहार चुनाव के वक़्त भी अपना चुके हैं।
प्रशांत किशोर को गुजरना होगा अग्निपरीक्षा से:
- प्रशांत किशोर इससे पहले नरेन्द्र मोदी, बिहार में नितीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं।
- अब कांग्रेस पार्टी प्रशांत किशोर को यूपी चुनाव में अपना खेवनहार मान बैठी है, चूँकि वो पहले अपने काम द्वारा सफलता पा चुके हैं, इसलिए पार्टी पूरी तरह आश्वस्त है।
- यूपी चुनावी समर प्रशांत किशोर के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है। क्युकी पहली बार नरेन्द्र मोदी की लहर में, दूसरी बार बिहार में जातिवाद की राजनीति के आधार पर उन्हें सफलता मिल चुकी है, परन्तु उत्तर प्रदेश के हालात अलग हैं।
उत्तर प्रदेश में जीत के लिए प्रशांत किशोर को अपने पुराने ढर्रे से अलग हटकर कुछ करना होगा।
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