आगरा में मेयर और नगर आयुक्त की मौजूदगी में क्षेत्र के एक पार्षद ने ईईएसएल कंपनी के कर्मचारी की चप्पलों से जमकर पिटाई की. पार्षद अपने पति और कुछ साथियो के साथ पहुंची और कर्मचारी को पीटने लगी. ये सब आगरा की मेयर के सामने होता रहा. इसके बावजूद भी महापौर और नगर आयुक्त ने पार्षद को न तो रोका और ना ही कोई कार्रवाई की.
बिजली न आने पर पार्षद ने की कर्मचारी की पिटाई:
मामला आगरा का है जहाँ विजयनगर से पार्षद नेहा गुप्ता की कॉलोनी में लाइट खराब हो गई थी, जिसकी शिकायत उर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड के एक कर्मचारी को फोन के द्वारा की गयी. इसके बाद कर्मचारी ने फोन पर लाइट को ठीक न करने की कह दिया. बस फिर क्या पार्षद जी का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच गया और पार्षद व उसके पति ने कानून अपने हाथ मे ले लिया.
विजय नगर से पार्षद नेहा गुप्ता अपने पति और कुछ समर्थकों को लेकर नगर निगम पहुंच गयी और उसी ईईएसएल कर्मचारी को धर दबोचा और उस को घसीटते हुए नगर आयुक्त और मेयर के सामने ले गये.
मेयर का गैरजिम्मेदाराना बयान:
पार्षद के कर्मचारी के साथ मारपीट के दौरान वहां मीडिया भी मौजूद थी. उन्होंने ऑन कैमरा नगर आयुक्त और महापौर की मौजूदगी में उस कर्मचारी की चप्पलों से पिटाई लगा दी.
फिलहाल कर्मचारी की पिटाई के बाद जब मीडिया ने महापौर से सवाल पूछा कि आपकी मौजूदगी में कर्मचारी की पिटाई हुई है तो उन्होंने ऐसा गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया जो हैरान कर देने वाला था. आगरा के मेयर ने कहा कि पार्षद के साथ अभद्रता करेगा तो पिटाई तो होगी ही.
वहीं जिस कर्मचारी की पिटाई हुई, उसने अपनी गलती मानते हुए कहा कि हो सकता है कि फोन पर मुझसे कोई गलत बात निकल गयी हो.
इन सब के बाद सवाल ये भी उठता है कि भले ही कर्मचारी ने अभद्रता की हो पर उसे इस तरह मारना, वो भी नगर आयुक्त और मेयर के सामने कितना सही हैं. इसके अलावा मेयर और नगर आयुक्त के सामने एक पार्षद का कानून हाथ में लेना और किसी कर्मचारी के साथ लड़ाई करने पर मेयर का इस तरह का बयान देना भी किस हद तक सही हैं.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें