उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला के पिहानी कोतवाली क्षेत्र स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर एक दलित किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आरोप है कि मैनेजर ने बैंक में बुलाकर कर्ज ना चुका पाने के लिए अपमानित किया था। परिजनों का आरोप है कि मैनेजर ने कहा था चाहे लटक रहो लेकिन कर्ज का पैसा तो एक महीने में जमा ही करना पड़ेगा। इससे आहत होकर किसान ने पेड़ से फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। ग्रामीणों ने किसान का शव पेड़ से लटका देख पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। वहीं किसान की मौत से उसके घर में कोहराम मचा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, मामला पिहानी थाना क्षेत्र के सिमौर गांव के मजरा अखरीपुरवा का है। यहां के रहने वाले श्यामलाल (58) पुत्र छोटकइ ने पिहानी बैंक आफ इंडिया से अपनी 17 बीघे जमीन पर 42000 रुपये कर्ज कई साल पहले लिया था। लेकिन चार साल से फसल न होने के कारण कर्ज नहीं अदा कर पाया था। भाजपा सरकार द्वारा कर्ज माफी की योजना में भी उसका कर्ज माफ नहीं हुआ। आरोप है कि बैंक का मैनेजर कर्ज जमा करने के लिए लगातार किसान पर दबाव बना रहा था। आरोप ये भी है कि बैंक मैनेजर ने कहा कि चाहे फांसी लगाओ या जान दे दो लेकिन पैसे तो जमा ही करने पड़ेंगे। आरोप है कि गुरुवार को किसान बैंक आया तो प्रवंधक ने दुर्व्यवहार किया। इसी से क्षुब्ध होकर उसने बबूल के पेड़ से शुक्रवार भोर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से इलाके के किसानों में रोष व्याप्त है, वहीं शाखा प्रबंधक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले तफ्तीश कर रही है।

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