बलात्कार और महिला शोषण नियंत्रण के सरकार लाख दावे करे लेकिन किशोरियां न घर मे सुरक्षित हैं और न दहलीज के बाहर। पुलिस अक्सर बलात्कार के आरोपियों के पक्ष में खड़ी नजर आती है और ऐसे मामलों को दबाने की हर सम्भव कोशिश करती है। ऐसा ही एक मामला फतेहपुर जिला के एक गांव के ईट भट्ठे का है। यहां एक भट्ठा मजदूर ने जब मजदूरी का पैसा मांगा तो दबंगों ने उनकी नाबालिग बेटी को अगवा कर उसके साथ रेप किया। आरोप है कि जब भाई ने अपनी बहन को उठाकर ले जाने का विरोध किया तो दबंगों ने पीड़िता के छोटे भाई को पीटकर उसकी गले की हड्डी तोड़ दी थी। फिलहाल पुलिस की बेरूखी और दबंग आरोपियों से भयभीत मुस्लिम परिवार पास के ही एक मंदिर में शरण लिये हुए है।
जानकारी के मुताबिक, मामला ललौली थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां भट्ठे में मजदूरी कर रहे एक मुस्लिम परिवार की 14 साल की बेटी को भट्ठे के ठेकेदार का बेटा अपने चार साथियों के साथ रात के साथ उस समय झोपड़ी से उठा ले गया जब वह सो रही थी। पीड़िता की माने तो अपने घर ले जाकर ठेकेदार पुत्र ने उसके साथ बलात्कार किया। इधर बेटी के गायब होते ही परिवार मे हड़कम्प मच गया और जब पता चला चला तो भट्ठा मालिक ने ठेकेदार पर दबाव बनाकर किसी तरह बेटी को वापस कराया। बेटी द्वारा जब अपने साथ हुये बलात्कार की बात बतायी तो परिजन उसे लेकर थाने गये और तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की।
पीड़िता के पिता की माने तो पुलिस ने सादे कागज पर दस्तखत करा लिये और थाने से भगा दिया। पीड़ित परिवार को पुलिस तक जाने और कार्यवाही कराने के प्रयास के चलते दबंगों ने अब गांव में रहना दूभर कर दिया है। मजबूरन दहशतजदा परिवार शहर के एक मंदिर में शरण लिये हुए है। मामले में जहां पुलिस की बेरूखी निराश करने वाली है वहीं पुजारी द्वारा मुस्लिम परिवार को शरण देकर उसकी सुरक्षा और खानपान की सुविधा देना समाज में इन्सानियत का संदेश देने वाली है।
दबंगों की दहशत के कारण इस पूरे परिवार ने गांव को छोड़ दिया है। अब यह परिवार शहर के मंदिर में शरण लिए हुए है। उनके डर के कारण परिवार के सभी सदस्य गांव छोड़कर शहर के एक मंदिर में रह रहे हैं। इस मामले में एसपी राहुल राज ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मजदूरी करने वाले परिवार को सुरक्षा प्रदान की जायेगी। इसमें जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।