पूर्वांचल में लोग जिस कुख्यात अपराधी के नाम से थर-थर कांपते थे उस मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई जिस पर करीब 40 हत्याओं का आरोप था। मुन्ना बजरंगी की हत्या ने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। पूर्वांचल के डॉन की हत्या के बाद एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने कार्रवाई करते हुए जेलर सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एडीजी जेल ने बयान देते हुए कहा कि सुनील राठी ने गोली मारकर हथियार गटर में फेंक दिया था। हालाँकि इस मामले में मुन्ना बजरंगी के परिजन जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर आरोप लगा रहे हैं। अब मुन्ना बजरंगी के वकील ने विकास श्रीवास्तव ने सुनील राठी और धनंजय सिंह के बीच संबंध का खुलासा किया है।
परिजनों ने पूर्व सांसद पर लगाया आरोप :
मुन्ना बजरंगी की जेल में ह्त्या के बाद से सभी लोग हैरान हैं। डॉन के परिवार वाले इस घटना का जिम्मेदार पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बता रहे हैं और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं। इस मामले में मुन्ना बजरंगी के वकील विकास श्रीवास्तव ने बताया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या धनंजय सिंह के इशारे पर की गई है। उन्होंने धनंजय सिंह का सुनील राठी से कनेक्शन भी बताया। उनका कहना है कि धनंजय सिंह ने ही सुनील राठी की माता राजबाला चौधरी को बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया था। धनंजय सिंह और सुनील राठी में पुराणी मित्रता है इसलिए दोनों ने मिलकर मुन्ना बजरंगी को मारने की योजना बनाई।
जेलर-डिप्टी जेलर पर भी है आरोप :
मुन्ना बजरंगी के वकील ने आरोप लगाया कि इस साजिश में उनके साथ जेलर उदय प्रताप और डिप्टी जेलर शिवाजी यादव भी शामिल थे। उन्होंने बागपत एसपी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। वकील विकास श्रीवास्तव ने तीनों के खिलाफ धारा 120 के तहत मुकदमा किये जाने की मांग की है। मुन्ना बजरंगी के हत्यारे सुनील राठी की मां राजबाला चौधरी नगर पंचायत चेयरपर्सन रह चुकी हैं। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में छपरौली सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वहीं धनंजय सिंह बसपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में दोनों बसपा में नहीं हैं।